रक्सौल।(vor desk )।सामाजिक व आर्थिक गैर बराबरी के खात्मा किये बगैर समतामूलक समाज की स्थापना नही किया जा सकता।इसके लिए हमें शिक्षा को ही सामाजिक व आर्थिक उन्नति के साधन के रूप में आत्मसात करना होगा।उक्त बातें अम्बेडकर ज्ञान मंच,रक्सौल के संथापक मुनेश राम ने शहर के अम्बेडकर चौक स्थित संविधान निर्माता भारतरत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर अम्बेडकर ज्ञान मच,रक्सौल द्वारा आहूत संकल्प दिवस के मौके पर रविवार को कही।उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बाबा साहेब के आदर्शो व विचारों को आत्मसात करके ही विकसित व स्वस्थ तथा स्वच्छ समाज की स्थापना होगी।बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के साथ ही राष्ट्र के भी शिल्पकार थे,जिन्होंने दबे-कुचले,शोषित-पीड़ित,अभिवंचित वर्गों व महिलाओं के हक व अधिकार के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे।उन्हें जब संविधान निर्माण करने का मौका मिला तो उन्होंने इनके अधिकार के लिए नई इबारत गढ़ी।
संरक्षक राजेन्द्र राम ने कहा कि बाबा साहेब ने ही विविधताओं से भरे विशाल भारत को एकसूत्र में पिरोने के लिए भारत के सबसे बड़े ग्रंथ संविधान की रचना की,जिसकी बदौलत हमारे देश में नागरिक अधिकार सुलभ हो सके।मंच के अध्यक्ष मथुरा राम ने कहा कि बाबा साहेब के संघर्षो की बदौलत मिले संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हो रहे हमले ने देश में उथल-पुथल का माहौल कायम कर दिया है।हमें संविधान की मजबूती का संकल्प लेते हुए सामाजिक एकजुटता के साथ समाज में शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर जोर देने की जरूरत है।कार्यक्रम के दौरान मंच के संस्थापक मुनेश राम,संरक्षक राजेन्द्र राम,अध्यक्ष मथुरा राम,सदस्य सह वार्ड पार्षद प्रेमचन्द्र कुशवाहा,जेएसएस मिथलेश कुमार मेहता,भाग्य नारायण साह,बिट्टू गुप्ता,विजय कुमार,अच्छेलाल पासवान,अमलराम भक्त,सोहन राम,राज शर्मा,रंजीत राम,विश्वजीत बाबू व प्रो.अनिल कुमार सिन्हा,पूर्व वार्ड पार्षद सुरेश कुमार,टिंकू जी सहित अन्य ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण सह पुष्पांजलि अर्पित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष मथुरा राम ने किया।