सीएम लाल बाबू राउत ने की घोषणा “मृतक के परिजनो को ₹ 3 लाख व घायलों का होगा उपचार
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रक्सौल।( Vor desk )।नेपाल में रविवार का दिन भयंकर आपदा लेकर आया। रविवार को सीमा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में हुई बारिश और भयंकर तूफान ने भारी तबाही मचाई है। नेपाल की सेना के प्रवक्ता यम प्रसाद ढकाल ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में 35 लोगों की मौत हो गयी है। वहीं 400 अन्य घायल हो गए।
नेपाल की सेना के प्रवक्ता यम प्रसाद ढकाल ने बताया कि सेना के 2 एमआई17 हेलीकॉप्टरों को स्टैंडबाइ पर रखा गया है। यदि कोई बड़ी आपात स्थिति बनती है तो इन्हें प्रयोग किया गया है। वहीं सिमरा में एक स्काई ट्रक को तैयार रखा गया है। प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने के लिए 100 से अधिक सेना के जवानों को भेजा गया है। राहत एवं बचाव का काम जारी है।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि रविवार शाम बारा तथा परसा जिलों के गांवों में आंधी-तूफान आया। राजधानी काठमांडू से 128 किलोमीटर दक्षिण में स्थित बारा जिले में तूफान से 27 लोगों की जान चली गई जबकि परसा जिले में 2 व्यक्ति की मौत हुई है। बताया गया कि मरने वालों में तीन भारतीय नागरिक भी शामिल हैं।सूत्रों के मुताबिक,मृत भारतीयों में मोतिहारी के राजेश प्रसाद मुखिया(22 ),सीतामढ़ी के अवधेश पासवान (24 ) व यूपी के बरेली के राधे लाठी शामिल हैं।राष्ट्रीय आपात अभियान केन्द्र ने बताया कि करीब 400 अन्य लोग घायल हुए हैं।
इस बीच, प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने लोगों के मारे जाने की घटना पर दुख व्यक्त किया तथा मृतकों के परिजन के प्रति समवेदना भी जाहिर की। प्रधानमंत्री ने पर्सा और बारा जिला के प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया।उनके साथ नेपाल के उप प्रधानमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री उपेंद्र यादव भी मौजूद रहे।उन्होंने आश्वासन दिया कि उपचार व दवा में कोई कमी नही होगी। वहीं,प्रदेश दो के मंत्री जितेंद्र सोनल बीरगंज में कैम्प कर रहे हैं।उन्होंने घायल लोगो के सहायतार्थ रक्तदान भी किया।तो,प्रदेश दो के मुख्यमंत्री लाल बाबू राउत ने आपदा में मृत लोगो के परिजनों को तीन लाख रुपये देने और घायलों के समुचित इलाज की घोषणा की है।अधिकारियों ने बताया कि सेना के जवानों और पुलिसकर्मियों को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है। परसा जिला पुलिस कार्यालय के अनुसार हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। गैर अधिकारिक आकड़ो के मुताबिक,घायलों की संख्या करीब एक हजार पार है।मलबे हटाने के बाद मौत की संख्या में इजाफा सम्भव है।