Sunday, September 22

लॉक डाउन में फंसे प्रवासी लोगों के लिए बढ़े मदद के हाथ, सामाजिक संगठनो ने कराया भूखों को भोजन!

  • सीमा जागरण मंच व भारत विकास परिषद जैसी संस्था ने बढ़ाया मदद का हाथ!
  • सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने कहा-‘रक्सौल में किसी अप्रवासी को भूखे नही सोने देंगे!’

रक्सौल।( vor desk)।कोरोना वायरस को ले कर जब अपनों से भी सोशल डिस्टेंस रखा जा रहा है।सड़क पर लोग निकल नही रहे।ऐसे में भी ‘नर सेवा को नारायण पूजा मानने वाले’ व मानवता की सेवा करने वाले हाथों की कमी नही।
देश व्यापी लॉक डाउन लागू होने तथा इंडो नेपाल बॉर्डर सिल होने की वजह से रक्सौल बॉर्डर पर जगह जगह मुश्किल हालातो में सैकड़ो लोग फंसे हुए हैं।

वैसे लोगों के पास न तो पैसे हैं न जाने आने के साधन।विवशता के बीच ये सरकार से मदद की अपील भी नही कर पा रहे।क्योंकि,यहां से अपरिचित होने के कारण इन्हें मदद भी नही मिल पा रही।जब सबो को घरों में लॉक रहना है।लोगों से दूरी बनाए रखनी है।ऐसे में मदद करे कौन?
लेकिन,रक्सौल के सामाजिक संगठनों ने मदद के हाथ बढ़ाये हैं।ये राहत देने वाले हाथ जरूरत मन्दों के पास पहुंच रहे हैं।
उनको मदद की पहल शुरू हो गई है,जो,भूख से बिल बिलाने के साथ ठौर ठिकाना नही होने से भटक रहे हैं।ऐसे लोगो की मदद के लिए रक्सौल के सामाजिक संगठनों ने हाथ बढ़ाएं हैं।

इसी क्रम में शहर के ब्लॉक रोड में पिछले चार दिनों से भोजन पानी के लिए परेशान यूपी शाहाजहांपुर के 14 लोगों को सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल के नेतृत्व में भोजन का प्रबंध किया गया।यह लोग नेपाल में ईंट भट्टे पर काम करते हैं।ये नेपाल से लौट कर ट्रेन पकड़ने यहां पहुंचे।लेकिन,लॉक डाउन की वजह से ट्रेन कैंसिल हो गई।बस बन्द हो गए। होटले बन्द हो गई।लोग घरों में बन्द हो गए।ऐसे में ये जाए कहाँ?मदद मांगे किससे? इसी वजह से यह मजदूर वर्ग परेशान हो गया।इसमे चार पांच महिलाएं व दो बच्चे भी शामिल थे।रूपवती देवी(32 ) ने बताया कि बच्चे दूध व भोजन के बिना परेशान थे।तो,फकीरी प्रसाद ने बताया कि किसी तरह उन्हें शहर के ब्लॉक रोड के नेशनल लॉज में जगह मिली।लेकिन,यहां कोई मदद करने वाला नही था।लॉज सञ्चालक गोपाल शाह ने बताया कि इनकी मजबूरी को समझते हुए लॉज में जगह दी गई।लेकिन,पैसे की कमी के कारण इनकी मुसिबत बढ़ गई।
इसकी सूचना के बाद एसडीओ अमित कुमार की पहल पर सीमा जागरण मंच आगे आया।और इनके भोजन का प्रबंध किया।
मंच के अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने बताया कि भोजन का प्रबंध कई संगठनों के सहयोग से हुआ।भारत विकास परिषद व बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन आदि के सदस्यों ने अपने अपने घरों से भोजन बनवा कर दिया।जिसे इन लोगों को प्रदान किया गया।श्री अग्रवाल ने कहा कि रक्सौल की धरती पर हम संकल्पित हैं कि किसी अप्रवासी को भूखा नही सोने देंगे।

यही नही देर रात तक उक्त समूह ने अप्रवासी लोगों की खोज की।इस क्रम में स्टेशन रोड स्थित श्री सत्यनारायण मारवाड़ी पंचायती मन्दिर के चबूतरे पर सो रहे दर्जन भर लोगों को भोजन कराया गया।इसमे सुपौल व मोतिहारी के लोग शामिल थे।मोतिहारी के मननपुर के मनी लाल ने बताया कि चार दिन से सवारी नही मिलने से फंसे हुए हैं।नारायघाट से पैदल चल कर यहां पहुंचे थे।इसमे कई ऐसे हैं ,जो दो दो -दिन पैदल चल कर रक्सौल पहुचे थे।और चार पांच दिनों से फूट पाथ पर सो रहे हैं ।इधर,रामेश्वर लाल गोविंद प्रसाद मस्करा चैरिटेबल ट्रस्ट के रवि मस्करा ने भी दर्जनों लोगों के बीच चिवड़ा मीठा आदि का वितरण किया।

इस बीच,रक्सौल प्रशासन ने शहर के हजारी मल हाई स्कूल में आपदा राहत केंद्र खोला है।एसडीओ अमित कुमार ने कहा कि इस रैन बसेरा में अप्रवासी लोगों को भोजन व रहने की सुविधा है।नगर परिषद इसमे सक्रिय भूमिका में है।

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