Sunday, September 22

अम्बेडकर ज्ञान मंच द्वारा बाबा साहब डॉ0 अम्बेडकर का 64वां महापरिनिर्वाण दिवस मना !

रक्सौल।(vor desk)।अम्बेडकर ज्ञान मंच,रक्सौल के तत्वावधान में शुक्रवार को संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का 64 वां महापरिनिर्वाण दिवस मंच के अध्यक्ष मथुरा राम की अध्यक्षता में मनाया गया।इस कार्यक्रम के अवसर पर शहर के अम्बेडकर चौक स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पार्जन करते हुए वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।मंच के संस्थापक मुनेश राम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहेब के आदर्शों व शिक्षा को अपनाकर ही सामाजिक उत्थान किया जा सकता है।उन्होंने रक्सौल के बुद्धिजीवियों,समाजसेवियों,राजनेताओं से अपील करते हुए कहा कि इस शहर में संविधान निर्माता की प्रतिमा क्षत-विक्षत स्थिति में पड़ा हुआ है,जिसके उन्नयन व उत्थान के लिए आगे आना होगा।कभी यहां उन्नत अम्बेडकर पुस्तकालय हुआ करता था जिसे नालन्दा विश्वविद्यालय की तरह मिटा दिया गया।अब महज एक प्रतिमा अवशेष के रूप में बचा है उसके जिर्णोद्वार के साथ ही अम्बेडकर पुस्तकालय के पुनर्स्थापना की जरूरत है,जिससे शोषित-पीड़ित व गरीब बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए निशुल्क पुस्तकें प्राप्त हो सके। एनयूजेआई के विपिन कुशवाहा ने बाबा साहेब का नमन करते हुए कहा कि उनके अमूल्य धरोहर संविधान का देन है कि सामाजिक विषमता व कुरीतियों का कुछ हद तक अवमूल्यन हुआ है।फलतः आज ब्राह्मण व शुद्र के बच्चे एक साथ मिल-बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है।बाबा साहेब के पदचिन्हों पर चलकर ही राष्ट्र की उन्नति संभव है।अध्यक्ष मथुरा राम ने कहा कि वे आधुनिक भारत के नीति-नियंता के साथ ही संघीय राष्ट्र के संविधान निर्माता थे,जिन्होंने समता, स्वतंत्रता, न्याय-बन्धुता को मूलमंत्र बताते हुए देश को विश्वगुरु बनाने का संकल्प लिया था।इसके लिए हमें संविधान के बताये मार्ग को अपनाकर ही देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर सकते है।संरक्षक राजेन्द्र राम ने कहा कि शिक्षा ही सामाजिक बदलाव का प्रथम सोपान है।इसके लिए बाबा साहेब के बताए मार्ग का अनुशरण करने की जरूरत है।वार्ड पार्षद प्रेमचन्द्र कुशवाहा ने बाबा साहेब को शोषित-पीड़ित व महिलाओं का मसीहा बताते हुए कहा कि उनकी शिक्षा व आदर्शो को आपकर ही मजबूत राष्ट्र की कल्पना किया जा सकता है।इसके लिए सामाजिक कुरीतियों नशापान,दहेज,अंधविश्वास व पाखण्डवादी व्यवस्था का समूल नाश करने की आवश्यकता है।जिला पार्षद इन्द्रासन प्रसाद ने कहा कि बाबा साहेब सूर्य की भांति एक चमकते सितारे थे जिन्होंने भारत को एक मजबूत संविधान दिया,जिसकी बदौलत ही हमारा देश एक मजबूत व समृद्ध राष्ट्र बन सका।मंच की महिला संयोजक पूजा कुमारी ने लोगों का आह्वान करते हुए कही की हमारी बच्चियां तितलियों की भांति है उसे उड़ान भरने की ताकत देने की जरूरत है।उसकी पर कतरने की बजाय उसे परवाज़ करने के लिए प्रेरित करने की जरूरत।वे जितनी ही उड़ान भरेगी,देश का उतना ही उन्नति होगा।महिला सम्मान व उनके विकास के लिए बाबा साहेब आजीवन संघर्ष करते रहे।उनके सपनों को साकार करने के लिए महिला सशक्तिकरण की जरूरत है।शिक्षक सकलदेव राम ने बाबा साहेब के मार्ग का अनुशरण करने का संकल्प व्यक्त किया।बाबा साहेब की प्रतिमा पर डीसीएलआर मनीष कुमार,अनुमंडल निर्वाचन पदाधिकारी सह एडीएसओ सन्तोष कुमार सिंह,प्रो.(डॉ.)अनिल कुमार सिन्हा आदि ने भी माल्यार्पण किया व श्रद्धांजलि दी।इस मौके पर बिट्टू कुमार गुप्ता, ताराचंद राम,रविन्द्र कुमार,मुकेश कुमार,सुनील कुशवाहा,जगन राम,प्रकाश पासवान,रवि कुमार,विजय कुमार,सुधीर कुमार यादव,पंस शिवचन्द्र बैठा,मुकेश कुमार,मोहित कुमार,शुकदेव यादव,राज वर्मा,सुमित कुमार,अनमोल तिवारी,संतोष कुमार,कुणाल राय,कपिलदेव राम उर्फ जगरूप भाई,दिनेश राम आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किया तथा बाबा साहेब को आधुनिक भारत का निर्माता बताया।कार्यक्रम की अध्यक्षता मथुरा राम व संचालन बिट्टू कुमार गुप्ता ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक सकलदेव राम ने किया।

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