Saturday, September 21

रक्षाबंधन पर भारत विकास परिषद के सदस्यों ने वृक्षों को रक्षासूत्र बाँध दिया प्रकृति संरक्षण का संदेश


रक्सौल।(vor desk)। सोमवार को रक्षाबंधन के अवसर पर भारत विकास परिषद शाखा रक्सौल के तत्वावधान में रक्सौल रेलवे पार्क में लगे वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर उनके संरक्षण एवं रक्षा का संकल्प लेकर रक्षाबंधन उत्सव समारोहपूर्वक मनाया गया। गौरतलब है कि परिषद द्वारा वर्ष 2019 में रेलवे पार्क को हरा-भरा करने का जिम्मा लिया गया था फलस्वरूप परिषद द्वारा पार्क को हरा-भरा कर इसका क्लेवर ही बदल दिया गया है । आज यह रेलवे पार्क न केवल रक्सौलवासियों बल्कि रक्सौल आने जाने वाले यात्रियों एवं पर्यटक के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बन गया है । इस मौके पर रक्सौल स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह डीसीआई संजय कुमार, परिषद के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह , सीताराम गोयल, सचिव सह मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी , द्वारिका सर्राफ, सुनील कुमार ,नीतेश कुमार ,अरविंद जायसवाल , सुरेश धानोठिया ,नवीन गिरि ,दीप प्रकाश ( एडवोकेट)ने वृक्षों को रक्षासूत्र बाँधकर उसके संरक्षण , संवर्धन का संकल्प लिया । इस मौके पर स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से लोगों के बीच प्रकृति,संस्कृति एवं पर्यावरण को लेकर और अधिक जागरूकता बढ़ती है तथा उन्होंने पार्क को हरा-भरा रखने तथा उसके साज -सज्जा के परिषद के हर प्रयास को हर मुमकिन सहयोग का वादा किया । वहीं परिषद के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह एवं सचिव सह मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी ने कहा कि परिषद राष्ट्र , समाज ,संस्कृति एवं प्रकृति की रक्षा के लिए सतत् अग्रणी भूमिका में रहती है । आज का कार्यक्रम उपरोक्त कथन की एक कड़ी है । उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि आने वाले दिनों में स्टेशन रोड में सामान्य पौधों के अलावे औषधीय पौधे भी जाली सहित लगाने के लिए परिषद संकल्पबद्ध है। ऐसे औषधीय पौधों की वर्तमान में बहुत अधिक आवश्यकता है। वहीं परिषद के सुनील कुमार ने आम लोगों से रक्षा बंधन के अवसर पर पौधों एवं जलाशयों की रक्षा का संकल्प लेने की अपील की । वहीं परिषद के नीतेश कुमार ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा जीवन की रक्षा है। अगर जीवन को बचाना है तो जलाशय एवं वृक्षों की रक्षा करना परम आवश्यक है ताकि हमें स्वच्छ वायु मिल सके और हम जीवित रह सके । वहीं महिला सुरक्षा विकास मंच की सरोज गिरि ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर चलने की प्रेरणा देती है और मानव जीवन को प्रकृति के साथ अपने संबंध बनाकर एक दूसरे के परस्पर सहयोग से आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। इसलिए आज प्रत्येक व्यक्ति को आगे आकर पर्यावरण को लेकर समाज को जागृत करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का समापन परिषद के वित्त सचिव सीताराम गोयल के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ ।

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