Saturday, September 21

बांग्लादेश की घटना को ले कर नेपाल भारत सीमा पर हाई अलर्ट,गृह मंत्रालय के निर्देश पर निगरानी और चौकसी बढ़ी

रोहिंग्या समेत बगलादेशी नागरिकों पर रखी जा रही कड़ी नजर 

रक्सौल।(vor desk)।बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम और इस्तीफा के बाद  पूर्व पीएम शेख हसिना के देश छोड़ कर भारत में अस्थाई प्रवास पर होने के मद्देनजर नेपाल सरकार ने बांग्लादेश से लगे सीमा समेत इंडो नेपाल बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी करते हुए सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी है।इसके साथ ही  बांग्लादेशी अप्रवासी रोहिंग्या की गीतिविधियो और आवाजाही पर भी नजर रखी जा रही है।उनकी गतिविधि और अवैध आवाजाही के साथ चोरी छुपे जारी बसावाट के हालत इस बॉर्डर पर पहले से है।इस बीच ताजा हालात के मद्देनजर नेपाल की खुफिया एजेंसियों ने यह आशंका जताई है की बांग्लादेश के हालातों का असर नेपाल पर भी पड़ सकता है।बांग्लादेश में हुए प्रदर्शन का लक्षित समूह भारत के रास्ते नेपाल प्रवेश कर सकता है,जिससे नेपाल के समक्ष चुनौती खड़ी हो सकती है।इस सूचना के बाद गृह मंत्रालय के निर्देश पर विदेशी नागरिकों के घुसपैठ और अवैध प्रवेश बढ़ने की आशंका और उसके नियंत्रण को लेकर उच्च सुरक्षा सतर्कता अपनाने के साथ ही कड़ी  निगरानी और चौकसी शुरू कर दी गई है।

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इंडो नेपाल बॉर्डर के साथ ही नेपाल से लगे कोशी प्रदेश के झापा,मोरंग और सुनसरी बोर्डर पर खास नजर रखी जा रही है।शंकास्पद लोगों और गतिविधियों पर कड़ी नजर है।

नेपाल पुलिस के प्रवक्ता सह डी आई जी दान बहादुर कार्की ने एक सर्कुलर जारी कर नेपाल पुलिस और नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स को निर्देशित किया है कि किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने को तैयार रहें।अवश्यकता अनुसार पुलिस बल और फोर्स की तैनाती की जाए।

इस बीच ,नेपाल की केंद्रीय सुरक्षा समिति की एक बैठक में आंदोलन तेज होने के कारण बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के मुद्दे पर चर्चा की है और रणनीति बनाई गई ।

गृह मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में गृह राज्य मंत्री रमेश लेखक, सचिव एक नारायण अर्याल, आईजीपी वसंत कुंवर, सशस्त्र बल के आईजी राजू अर्याल और राष्ट्रीय जांच विभाग के प्रमुख हुतराज थापा शामिल थे।

सुरक्षा समिति में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने  बताया कि बैठक में सीमा सख्त करने और सुरक्षा चौकसी बढ़ाने पर चर्चा हुई, जिसमें आकलन किया गया कि बांग्लादेश आंदोलन का असर नेपाल पर भी पड़ सकता है

 सुरक्षा समिति में चर्चा के बाद कोशी प्रदेश के झापा, मोरंग और सुनसरी सीमा चौकियों पर सख्ती कर दी गयी है।गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, निगरानी और जांच बढ़ाने को कहा गया है।इस बीच विराट नगर बॉर्डर से बगलदेशी नागरिक को नेपाल में प्रवेश देने से रोक देने की सूचना है।

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