Sunday, September 22

ठाकुर राम बहुमुखी कैंपस के संस्थापक स्व. महावीर प्रसाद जी एवं स्व. रघुबीरराम जी की प्रतिमा का अनावरण संपन्न

● भव्य कार्यक्रम के बीच त्रिभुवन विश्वविद्यालय के उपकुलपति ने किया अनावरण

रक्सौल।(vor desk)।बीते गुरुवार को सीमावर्ती नगर वीरगंज स्थित ठाकुर राम बहुमुखी कैम्पस में स्थापित कैंपस के संस्थापक स्व. महावीर प्रसाद जी एवं स्व. रघुबीरराम जी की प्रतिमा का अनावरण एक भव्य कार्यक्रम के बीच त्रिभुवन विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रा.डा. केशरजङ्ग बराल के द्वारा संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कैंपस प्रमुख प्रो. रंजीत प्रसाद यादव ने की। कार्यक्रम में वीरगंज महानगरपालिका के उप प्रमुख इम्तियाज आलम, एसपी कुमुद ढुङ्गेल, दाता परिवार के सभी सदस्यगण, उद्योग वाणिज्य संघ के सुबोध गुप्ता, अशोक टेमानी, नेपाल भारत सहयोग मंच के अध्यक्ष अशोक बैद, उद्योगपति गणेश लाठ, दिलीप जैन समेत पूर्व कैंपस प्रमुख, अवकाश प्राप्त प्राध्यापक समेत संपूर्ण कैंपस परिवार और नगर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम संचालन सहायक क्याम्पस प्रमुख प्रो. दिनेश प्रसाद ने किया।

कार्यक्रम के दौरान उपकुलपति ने कैंपस परिसर में स्थित माता सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि की और दोनों संस्थापकों की प्रतिमा का विधिपूर्वक अनावरण किया। कैंपस प्रमुख ने उपकुलपति को पुष्पगुच्छ, स्मृति चिह्न और दोशाला के साथ अभिनंदन किया। वहीं संस्थापक परिवार के सदस्यों को उपकुलपति ने पुष्पगुच्छ और दोशाला देकर सम्मानित किया। मंच पर उपस्थित अतिथियों को संस्थापक परिवार सदस्य संजय कुमार (बबलू), शशिरंजन, रोहित कुमार और प्राध्यापक डॉ. स्वयंभू शलभ ने सम्मानित किया।

कैंपस के गौरवशाली इतिहास और संस्थापक परिवार के योगदान के बारे में बताते हुए पूर्व कैम्पस प्रमुख प्रो. ललन द्विवेदी ने कहा कि वि.सं. 2009 में स्थापित ठाकुर राम कैंपस काठमांडू उपत्यका के बाहर पहला और देश का दूसरा कैंपस है जो त्रिभुवन विश्वविद्यालय से भी सात वर्ष पूर्व स्थापित हुआ। शुरू में यह कैंपस पटना विश्वविद्यालय के संबंधन के साथ संचालित होता था जो बाद में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से संबद्ध हुआ। उपमेयर इम्तियाज आलम ने कहा कि इस कैंपस ने प्रधानमंत्री, परराष्ट्रमंत्री, वाईस चांसलर समेत अनेक राजनीतिज्ञ, विद्वान, साहित्यकार, कलाकार, समाजसेवी, उद्योगी, चिकित्सक और प्राविधिक जनशक्ति का उत्पादन कर देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान किया है। मैं भी इसी कैंपस का छात्र रहा। वहीं उप कुलपति डॉ. बराल ने कहा कि जिस समय देश में शिक्षा का अभाव था उस समय दोनों भाइयों ने शिक्षा की अलख जगाई जिसका प्रकाश पूरे देश में फैला। करीब सात दशक बाद उनकी प्रतिमा के स्थापना का यह क्षण अत्यंत गौरव और खुशी का क्षण है। शिक्षा जगत में उनका योगदान युग युग तक अमर रहेगा और हमारी युवा जनशक्ति को प्रेरणा देगा।

संस्थापक परिवार सदस्य संजय कुमार ने इस कार्य में सहयोग देने वाले सभी व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक भावुक क्षण है। हम सबों को आज इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का सौभाग्य मिला। वर्षों का सपना आज साकार हुआ।पूर्वजों की यह कृति हमारी वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को त्याग और सेवाभावना के साथ जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहेगी।

कार्यक्रम के दौरान इस कैंपस में अपनी सेवा देने वाले पूर्व कैंपस प्रमुख और प्राध्यापक पद पर प्रोन्नति पाने वाले सह प्राध्यापकों को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कैंपस प्रमुख प्रो. रंजीत प्रसाद यादव ने किया। इस अवसर पर आयोजित रात्रिभोज में सम्पूर्ण कैंपस परिवार के साथ सभी गणमान्य अतिथि उपस्थित हुए।

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