Monday, September 23

अंबेडकर ज्ञान मंच ने मनाया बाबू जगदेव कुशवाहा की 101वीं जयंती,वक्ताओं ने आदर्शों को अपनाने पर दिया बल!

रक्सौल।(vor desk)।अम्बेडकर ज्ञान मंच के तत्वावधान में शुक्रवार को अनुमंडल क्षेत्र के आदापुर प्रखंड के चैनिया चौक स्थित रैंबो पब्लिक स्कूल परिसर में अमर शहीद बाबू जगदेव कुशवाहा की 101वीं जयंती रामेश्वर कुशवाहा की अध्यक्षता में समारोह पूर्वक मनाई गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि रक्सौल नगर परिषद के पूर्व वार्ड पार्षद प्रेमचंद्र कुशवाहा,चंदेश्वर बैठा,मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र कुमार,युवा कुशवाहा समाज के प्रदेश नेता सुनील कुशवाहा,रामेश्वर कुशवाहा,चंद्रकिशोर पाल,संस्थापक मुनेश राम आदि ने केक काट कर व पंचशील दीपक जला कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा उनके तैलीय चित्र पर पुष्पार्चन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंच के संस्थापक मुनेश राम ने बाबू जगदेव कुशवाहा के जीवनी और संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें सर्वहारा वर्ग का सच्चा सिपाही बताया तथा कहा कि उन्होंने अभिवंचितों की भागीदारी के लिए आजीवन संघर्ष किया तथा शोषितों पीड़ित मानवता की रक्षा के लिए खुद के उत्सर्ग से समाज को एक नई दिशा दी।सत्तर के दशक में एक अदभुद क्रांति का सूत्रपात हुआ,जिसने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए तथा कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति पंजाब और पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए वरदान साबित हुआ,जबकि बिहार में बाबू जगदेव कुशवाहा ने सामंतवाद की चूले हिला दी और बर्बर सत्ता के गोलियों के शिकार हो अपनी शहादत दे दिया।ऐसे महापुरुषों की जीवनी हमें प्रेरणा देती है तथा सामाजिक कुरीतियों,नशापान,अशिक्षा,जुल्म और ज्यादतियों के खिलाफ संघर्ष करने का मार्ग प्रशस्त करती है।वही,युवा कुशवाहा संघ के प्रदेश नेता सुनील कुशवाहा ने बाबू जगदेव कुशवाहा को शोषित पीड़ित मानवता को वाणी करार देते हुए कहा कि उन्होंने शोषित समाज के हक और अधिकार के लिए आजीवन संघर्ष किया,जिनके बदौलत सूबे बिहार के ओबीसी वर्गो को सत्ता और शासन में भागीदारी सुनिश्चित हो सकी।बाबू जगदेव कुशवाहा भले ही साठ के दशक में जमीदारी और सामंतवादी शक्तियों के खिलाफ एक सशक्त आंदोलन का सफल आगाज किया और डिप्टी सीएम बने।उस बाद वे सामंतवाद के निशाने पर आ गए,जिन्हे बर्बर सत्ता में बीस हजार समर्थकों की भीड़ में गोलियों से छलनी कर उन्हे कुर्था के मैदान में शहीद कर दिया,लेकिन उनके विचारधारा आज भी युवाओं के लिए प्रेरक है।

श्री कुशवाहा ने आगाज किया कि आगामी पांच सितंबर को मंच के बैनर तले रक्सौल में अनुमंडल स्तर पर बाबू जगदेव कुशवाहा शहादत दिवस को प्रेरणा दिवस के रूप में भव्य तरीके से मनाया जायेगा।वही,मंच के सदस्य प्रेमचंद्र कुशवाहा ने उनके नारों को उद्वरीत करते हुए कहा कि सौ में नब्बे शोषित है नब्बे भाग हमारा है…लेकिन इसके अनुपात में हमारी सामाजिक जागरूकता नही हो रही।हमें उनके बताए मार्गों का अनुसरण करने की जरूरत है।कार्यक्रम की अध्यक्षता रामेश्वर कुशवाहा ने करते हुए कहा कि सामाजिक गुलामी की बेड़ियां महापुरुषों के जीवनी और संघर्षों से रूबरू होकर और शिक्षा के माध्यम से ही कटा जा सकता है, जबकि कार्यक्रम का संचालक करते हुए वरीय सदस्य चंद्रकिशोर पाल ने बाबू जगदेव कुशवाहा को क्रांति का अग्रदूत करार देते हुए कहा कि उन्होंने शोषित समाज के हक और अधिकार के लिए खुद की कुर्बानी दी तथा समाज के लिए एक संदेश दिया कि बगैर मांगे अधिकार नही मिलता।तभी तो वे बिहार के लेनिन के रूप में प्रसिद्ध हुए।कार्यक्रम का समापन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के बाद हुआ।इसमें नंदलाल कुशवाहा,शाहजहां अंसारी, शशिकांत कुमार,अनिल कुमार,सुदर्शन कुशवाहा,शंभू पटेल,जयप्रकाश कुशवाहा,मिथलेश कुशवाहा,श्रवण प्रसाद श्रीवास्तव, जयपत पासवान, पथल दास,लगनदेव महतो,राजकिशोर कुशवाहा सहित अन्य लोग शामिल थे।

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