Wednesday, September 25

बूचड़खाना घोटाला में सूबे में बहुचर्चित रक्सौल नगर परिषद में फिर आर्थिक अनियमितता की चर्चा जोरों पर,उच्चस्तरीय जांच की मांग

रक्सौल। (Vor desk)।बुच्चड खाना घोटाला की वजह से सूबे में बहु चर्चित रहे
रक्सौल नगर परिषद कार्यालय में वित्तीय अनियमितता और करोड़ो के रकम के ट्रांसफर के खेल की चर्चा जोरों पर है।इस मामले में एक ओर जहां सोशल मीडिया पर नगर परिषद प्रशासन को आरोपों के घेरे में लेते हुए सवाल खड़े किए जा रहे हैं।वहीं,सामाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने बिहार सरकार के अर्बन सेक्रेट्री और पूर्वी चंपारण जिलाधिकारी को ई मेल के जरिए आवेदन प्रेषित करते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच और कारवाई की मांग की है।नुरुल्लाह खान ने आरोप लगाया है कि रक्सौल नगर परिषद द्वारा विभागीय पोर्टल के माध्यम से विगत तीन दिन पूर्व मध्य रात्रि को विभिन्न विभागीय बैंक खातों से करोड़ से उपर रुपए भुगतान मद में ट्रांसफर करने और इस जानकारी के लीक होने की खबर पर भुगतान पर होल्ड लगा दिया गया ।उन्होंने मांग किया है कि कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा लिपा पोती के इस मामले की साइबर क्राइम एक्ट के तहत जांच कर उक्त मामले का उद्भेदन किया जाए और दोषी अधिकारियो,कर्मियो पर
कारवाई करते हुए इस नगर परिषद के जनता के टैक्स की गाढ़ी कमाई की रकम की बड़ी डकैती’ पर रोक लगाई जाए।उन्होंने आरोप लगाया है कि कार्यपालक पदाधिकारी के सह के बिना ऐसा कारनामा संभव नहीं है।नुरुल्लाह खान ने सवाल उठाया है कि आधी रात को कार्यालय खोलना और इस दौरान ऐसा कारनामे को अंजाम देने का औचित्य क्या है?यदि ऐसा नही हुआ तो बैंक खातों से भुगतान पर होल्ड क्यों किया गया?क्या उक्त खातों के जरिए वैध भुगतान की प्रक्रिया अपनाई गई?उन्होंने कहा की यह सच है कि मेरे पास विभागीय कार्य कलाप का स्पेस्फिक प्रमाण नहीं है,लेकिन,इस मामले की त्वरित जांच की जरूरत है,ताकि,लिपा पोती नही हो सके।उन्होंने यह भी कहा कि किसी डेटा इंट्री ऑपरेटर की इतनी हिम्मत नही है कि वे खुद इतना बड़ा भुगतान कर दें।ऐसे में इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।

इधर,सूत्रों और जानकारों का कहना है कि इस मामले में नगर परिषद के डाटा इंट्री ऑपरेटर भी जांच और शक के दायरे में बताए जा रहे हैं।इसके पीछे वरीय अधिकारियो के इशारा पर इस गतिविधि में शामिल होने की चर्चा तेज है।

हालाकि,दूसरी ओर चर्चा है कि एक डाटा इंट्री ऑपरेटर पर गाज गिरा कर मामले में लिपा पोती की तैयारी है।बताते है कि लगातार उक्त ऑपरेटर पर दबाव बना हुआ है।इस वजह से तबियत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है।जबकि,उक्त ऑपरेटर ने अपने को निर्दोष होने का दावा करते हुए वरीय अधिकारियो से पूरे मामले की जांच की मांग की है।उसने गुटबाजी के चलते बलि का बकरा बनाने के कोशिश के संकेत दिए हैं।

इस मामले में यह मांग किया जा रहा है की कार्यपालक पदाधिकारी और कर्मियो के मोबाइल का कॉल डिटेल और लोकेशन की जांच कराई जाए।सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए।आरोप यह भी उछल रहा है की सीसीटीवी से भी छेड़छाड़ किया गया है,जिसके पीछे साजिश की बू आ रही है।

सूत्रों का कहना है की नगर परिषद के पोर्टल से पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी के मोबाइल से जुड़ाव होने की वजह से उन्हें भी मनी ट्रांसफर के मैसेज मिलने के बाद इस वाक्या के लीक होने की चर्चा उड़ती रही।हालाकि,पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने इस की जानकारी से सिरे से इंकार कर दिया।इधर ,छुट्टी पर होने के दावे के बीच नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव रविवार को शहर में देखे गए ।पूछने पर उन्होंने मीडिया से ऑन कॉल वार्ता में कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है।

जबकि,नगर परिषद की सभापति धूरपति देवी ने बताया कि उड़ती हुई चर्चा मेरे पास भी आई है।वित्तीय अधिकार मेरे पास नही है,यह जिम्मा कार्यपालक पदाधिकारी और कार्यालय का है।उन्होंने बताया कि कार्यालय छुट्टी के कारण अभी बंद है।

सभापति पुत्र सह राजद नेता सुरेश यादव ने कहा कि मैं पटना में था,शनिवार की शाम में आया हूं।उन्होंने कहा कि यदि कोई आर्थिक अनियमित्तता हुई है या प्रयास किया गया है,तो,इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बता दे कि वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी पदस्थापना से पहले निलंबित थे और विवादों में रहते आए हैं।उनके आने के बाद से सफाई के लिए अधिकृत एनजीओ समेत कई भुगतान पर सवाल उठ रहे हैं।वहीं,शहर में स्ट्रीट लाइट , डस्टबिन ,हाथ ठेला समेत विभिन्न उपकरण समेत कई सामग्रियों के खरीद में घोर आर्थिक अनियमितता की चर्चा है।जिसको ले कर कई पार्षदों की नाराजगी बनी हुई है और उंगली उठाई जा रही है।

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