Wednesday, September 25

सरिसवा नदी की जांच करने पहुंची नमामी गंगे की टीम ने लिए नदी और नालों के दूषित जल के 17सेंपल!


रक्सौल।(vor desk)।नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के  साइंटिस्ट डॉ शिव प्रताप रघुवंशी के नेतृत्व में बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के सदस्य,बुडको के सदस्य तथा नमामि गंगे परियोजना के केंद्रीय व राज्य स्तरीय टीम ने बुधवार को नेपाल सीमा से रक्सौल में प्रवेश करने वाली सरिसवा नदी के मुहाने का निरीक्षण कर नदी के जल का संग्रह किया और उसे अपने साथ ले गई।इस क्रम में सीमावर्ती रक्सौल प्रखंड के पंटोका स्थित बॉर्डर पिलर संख्या 393के पास एस एस बी कैंप के जवानों और छठिया घाट एरिया में ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि नदी के जल से दुर्गंध की वजह से रहना मुश्किल हो जाता है।नदी का जल इतनी काली और गन्दी है कि  नहाना तो दूर पशु पक्षी भी पानी नही पीते।टीम ने बोर्डर पिलर के पास ,कस्टम एरिया ,आश्रम रोड छठ घाट,नागा रोड पिपरा घाट, कोईरिया टोला एरिया से नदी जल के 17 अलग अलग सेंपल इकट्ठा कर सील बंद किया।नदी की स्थिति,गंदगी और नगर से नदी में मिल रहे नालों की तस्वीर भी ली।इस दौरान रक्सौल वीरगंज मैत्री पुल से कुछ लोगों ने नदी में बोरों में भर कर कूड़ा फेंका गया।जिस पर टीम ने फटकार लगाई और तस्वीर भी ली।

इस मौके पर डॉ रघुवंशी ने कहा कि हम वरीय अधिकारियो से बात कर यथाशीघ्र स्थाई समाधान का हल निकालने का प्रयास करेंगे। टीम के साथ सरिसवा नदी बचाव आंदोलन के सदस्य राकेश कुशवाहा, सुरेश कुमार, श्रीराम शर्मा ,छठिया घाट के पुजारी गणेश झा आदि उपस्थित थे।

बता दे कि यह टीम सांसद डा संजय जायसवाल और विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा की पहल पर सरिसवा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने के लिए स्थाई हल निकालने के लिए आई थी। सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन के महासचिव प्रोफेसर मनीष दुबे ने बताया कि नेपाल में सरिसवा नदी को लेकर बनाई गई रितेश त्रिपाठी की रिपोर्ट भी डॉक्टर रघुवंशी को दी गई और नदी के कारण हो रही बीमारियों से भी अवगत कराया गया। साथ ही जनजीवन एवं विभिन्न प्रकार के जीवो पर पड़ रहे दुष्प्रभाव से अवगत कराया।इस नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 13वर्ष से आंदोलन चल रहा है।

सरकार का ध्यान है कि नदी साफ हो: डा0रघुवंशी

जांच टीम का नेतृत्व कर रहे डा0रघुवंशी ने बताया कि गंगा मिशन काफी हद तक कामयाब है और नदी साफ हुई है।सरकार का ध्यान है की नदी हर हाल में साफ हो।यह एक बड़ा मिशन है।इसके तहत गंगा की सहायक नदियों और उप सहायक नदियों के भी शुद्धिकरण पर जोर है,ताकि,गंगा में किसी भी तरह का प्रदूषण न जाए।तभी हमारा मिशन सफल होगा। हमने सरिसवा नदी की स्थिति का अध्ययन किया है।इसकी रिपोर्ट उच्चधिकारी को सौंपेंगे।उन्होंने कहा कि सिर्फ नेपाल के कल कारखाने से निकलने वाले विषैले कैमिकल ही नही बल्कि रक्सौल शहर के नालों से निकलने वाली प्रदूषित जल भी नदी को प्रदूषित कर रही है। हालांकि छठ पूजा के दौरान नेपाल के कल कारखानों के बंद रहने के चलते इन दिनों सरिसवा नदी का पानी साफ है। लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि   तीन से चार दिनों में नदी का पानी काला हो जाएगा व उसके बदबू से नदी  किनारे बसे लोगों का रहना दूभर हो जाएगा।  टीम ने बताया कि सरिसवा नदी सिकरहना, बूढ़ी गंडक  नदियों में मिलकर गंगा नदी में जाकर मिलती है। इसलिए इस नदी का साफ होना जरूरी है। वही सेम्पल के लिए सरिसवा नदी का जल ले जाया जा रहा है। जांच के बाद इससे आगे की करवाई की जाएगी।

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