रक्सौल (vor desk)।प्रखंड के पलनवा थाना क्षेत्र में कथित फर्जी नर्सिंग होम व दवा दुकानों की जांच करने पहुंचे करीब दो फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर समेत छह लोगों को पलनवा पुलिस ने लौकरिया पंचायत के बजरंग चौक से शुक्रवार को हिरासत में लिया है।पकड़े गए लोगों में ड्रग इंस्पेक्टर के रूप में जफर इकबाल व लक्ष्मी कुमार के साथ ही बाबू जान देवान,खुर्शीद आलम, जफर अली और राज किशोर राम शामिल बताते गए हैं।जो अपने को बॉडीगार्ड (पुलिस कर्मी)बता रहे थे। फर्जी ड्रग ऑफिसर इतने शातिर थे कि उन्होंने कई दुकानदारों से रुपए भी ऐंठ लिए थे।
मिली जानकारी के मुताबिक, ये सभी लोग एक बोलेरो गाड़ी से पहुंचे,जिस पर मेडिकल ऑफिसर का बोर्ड लगा रखा था।दोनो फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर ने गले में फर्जी आई कार्ड भी लगा रखा था।बताया गया है कि फर्जी तरीके से संचालित दवा दुकान और अवैध नर्सिंग होम की जांच करने के लिए जब पहुंचे,तो ,उनकी पोल खुल गई और दबोच लिए गए।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गिरफ्तार फर्जी ड्रग इन्स्पेक्टरों से बातचीत व उनके कार्यशैली पर संदेह होने पर केमिस्ट व ड्रगिस्ट यूनियन के अध्यक्ष को जांच टीम के सबंध में सूचना दी गई।
इसके उपरांत जिला मुख्यालय ड्रग इंस्पेक्टर व सिविल सर्जन ऑफिस से गुप्त ढंग से स्थानीय प्रतिष्ठान संचालकों ने संपर्क कर अवैध वसूली कर रही उक्त टीम के सबंध में जानकारी दी गई।सिविल सर्जन कार्यालय से हुई जानकारी के बाद लौकरिया एडिशनल पीएचसी के प्रभारी आर पी सिंह भी पहुंच गए।पुलिस टीम भी सक्रिय हो गई।
फर्जी जांच टीम को बनाया बंधक
जब फर्जी जांच टीम का खुलासा हुआ,तो,हंगामा मचा। तत्काल सक्रिय होते ही दुकानदारों व क्लीनिक संचालकों ने फर्जी जांच टीम के सदस्यों को बंधक बना लिया। फिर पुलिस को सूचना दी।फिर, पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए उक्त लोगो को हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में उक्त लोगों ने बताया है कि अनुमंडल के आदापुर प्रखंड शेख टोली व सिरीसिया कला गांव , बेलदरवा के निवासी बताए गए है। पुलिस हिरासत में लिए गए लोगो से अलग-अलग आवश्यक पूछताछ कर रही है। फर्जी जांच टीम को पकड़े जाने की सूचना पर हडकंप मच गया है
झोलाछाप की ग्रामीण क्षेत्रो में भरमार
बता दें कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो में करीब -करीब सभी गांवों में अवैध दवा दुकानों और झोलाछाप फर्जी चिकित्सकों की भरमार हो गयी है।सिविल सर्जन कार्यालय ने इसकी जांच के आदेश दे रखे हैं।जिसको ले कर स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय है।इसी आड़ में यह फर्जी टीम ने मौके का फायदा उठाने की कोशिश की।लेकिन,धरे गए।सूत्रों ने बताया कि हर चौक-चौराहों पर अपना क्लिनीक खोल और लम्बा-चौड़ा डिग्री का बोर्ड लगाकर फर्जी चिकित्सक बैठे हैं, जो सिर्फ सामान्य इलाज ही नहीं करते, बल्कि ऑपरेशन भी कर देते हैं।इसमें दवा दुकान भी संचालित होता है, जिसमे कई के लाइसेंस नही हैं।
मरीजों की स्थिति बिगड़ने पर शहर के किसी बड़े नर्सिंग होम या दूसरे शहर में उपचार कराने की सलाह देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। गरीब मरीजों का पैसा भी जाता है और जान भी।
ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि ने इसे गम्भीर मामला बताते हुए कहा कि दवा दुकानदारों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। इस तरह के तत्व अगर किसी दवा दुकान पर जांच करने पहुंचते हैं तो तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें।
उन्होंने बताया कि उनके अलावा किसी और व्यक्ति को क्षेत्र की दवा दुकानों की जांच करने के लिये अधिकृत नहीं किया गया है। पलनवा पुलिस पकड़े गए लोगों से आवश्यक जानकारी लेने में जुटी है। पलनवा थानाध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि जांच व अग्रतर करवाई की जा रही है।