Saturday, September 28

डीआरएम के आदेश पर रक्सौल स्थित रेलवे की जमीन को रेल प्रशासन ने कराया अतिक्रमण मुक्त, सटही दुकान फिर हुए काबिज!

रक्सौल।(vor deek)। समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम विनय श्रीवास्तव के आदेश पर रक्सौल स्थित रेलवे की अतिक्रमित जमीन से प्रशासन के द्वारा शुक्रवार को अतिक्रमण हटवाया गया।

इस आदेश पर रेल प्रशासन एक्शन मोड में दिखी और अतिक्रमण हटाने के लिए व्यापक अभियान चलाया गया।

रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट रक्सौल के पोस्ट कमांडर ऋतु राज कश्यप, निरीक्षक कार्य (आइओडब्लू) विनीत कुमार सिंह के नेतृत्व में की गयी कार्रवाई में बाटा चौक से लेकर अहिरवा टोला होते हुए इस्लामपुर तक अतिक्रमण हटाया गया।पुराने बस स्टैड और बाटा चौक पर के पास भी अतिक्रमण हटा।

शुक्रवार की सुबह 9 बजे ही रेलवे के द्वारा जेसीबी की मदद से अतिक्रमण हटाया गया।

मेन रोड में सटही दूकानों के साथ-साथ अवैध तौर पर सड़क और रेलवे की जमीन को अतिक्रमित कर बनाये गये अस्थायी निर्माण को तोड़ा गया।जिससे हड़कंप रहा।हालाकि,कुछ सटही दुकानदारों ने फिर से दुकान लगा लिया है।

उधर,अहिरवा टोला से लेकर इस्लामपुर तक अस्थायी तौर पर बनाये गये सैकड़ो घरों पर भी बुलडोजर चलाया गया। साथ ही, यह चेतावनी भी दी गयी कि यदि भविष्य में अतिक्रमण होता है तो इस पर कार्रवाई की जायेगी और प्राथमिकी भी दर्ज की जायेगी। रेलवे परिक्षेत्र में अवैध रूप से अतिक्रमण की गई जमीन पर शाम 4 बजे तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गयी। पूरे अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान आरपीएफ, जीआरपी के साथ-साथ राज्य पुलिस बल के जवान भी शामिल थे। रक्सौल में रेलवे के द्वारा इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद अतिक्रमणकारियों में हड़कंप है। आरपीएफ इंस्पेक्टर ऋतुराज कश्यप ने बताया कि पूरी तरह से अतिक्रमण हटा दिया गया है। वरीय अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर कार्रवाई की गयी है।

इधर,मुख्य पथ पर रेलवे क्रॉसिंग के पास कई सटही दुकानदारों ने देर शाम फिर से कब्जा जमा लिया।जिसके बाद समाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने डी आर एम को इसकी लिखित शिकायत की और अतिक्रमण मुक्त कराए गए जमीन की मॉनिटरिंग की व्यवस्था की मांग की ताकि फिर दुकान ,घर ना बने और उस नाम पर अवैध वसूली बंद हो।

यहां बता दे कि दो दिन पूर्व दौरे पर आए डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने विंडो निरीक्षण में रेलवे फाटक संख्या 33 ए के पास अतिक्रमण देख जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था।

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