Wednesday, October 2

श्रम विभाग की टीम ने दुकानों में छापेमारी कर 5 बाल श्रमिको को कराया मुक्त, प्राथमिकी व जुर्माना वसूली भी!

*दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों में बाल श्रम उन्मूलन को ले कर 12 जून तक चलेगी छापेमारी

  • विभिन्न प्रतिष्ठानों पर रक्सौल थाना में प्राथमिकी की प्रक्रिया, 20 हजार की जुर्माना भी होगा वसूल

रक्सौल।(vor desk)।आगामी 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस है।इसके पूर्व बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करने को ले कर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और बाल श्रम से जुड़े कानूनी प्रावधानों से अवगत भी कराया जा रहा है,जिसके उल्लंघन पर कानूनी कारवाई भी सम्भव है ।इसी क्रम में मंगलवार को श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा रक्सौल थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर शशिभूषण ठाकुर, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रक्सौल शंभूनाथ गुप्ता, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, पताही अनुभव कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, आदापुर मनोज कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, घोड़ासहन पुरुषोत्तम कुमार, डंकन हॉस्पिटल रक्सौल के प्रतिनिधि, चाइल्डलाइन रक्सौल के प्रतिनिधि, प्रयास संस्था के विजय कुमार शर्मा, आरती कुमारी व राज गुप्ता के साथ रक्सौल बाजार में विभिन्न प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया तथा सभी नियोजितों से बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करने के संबंध में शपथ पत्र लिया गया।

सभी दुकानदारों एवं नियोजन को यह निर्देश दिया गया कि वह अपने दुकान होटल प्रतिष्ठान में किसी भी बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करेंगे तथा अपने दुकान में इस आशय का एक बोर्ड लगाएंगे कि उनका दुकान या प्रतिष्ठान बाल श्रम मुक्त है। रक्सौल बाजार स्थित कुल 04 प्रतिष्ठानों क्रमशः जय अंबे स्पेयर पार्ट्स, सनी मोटर्स एवं साइकिल स्पेयर पार्ट्स व बीकानेर स्वीट्स शॉप से 01-01 बाल श्रमिक एवं ओम साईं सर्विस सेंटर से -02 श्रमिकों सहित कुल 05 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया। जिसकी पुष्टि करते हुए अधीक्षक श्री रंजन ने बताया कि विमुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति, मोतिहारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया तथा संबंधित सभी नियोजकों के विरुद्ध रक्सौल थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया की जा रही है।

श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में सभी नियोजकों से प्रति बाल श्रमिक 20000 रुपया की वसूली की कारवाई अलग से की जाएगी। जिसे नियमानुसार जिलाधिकारी के नाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कोष में जमा कराया जाएगा ।


जिन नियोजकों के द्वारा ₹20000 जुर्माने की राशि नहीं जमा कराई जाएगी, उनके विरुद्ध एक अलग से सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद दायर किया जाएगा। श्रम अधीक्षक ने रक्सौल के सभी नियोजको से यह अपील की कि वे अपने दुकान या प्रतिष्ठान में किसी भी बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करें। यदि किसी भी दुकाने या प्रतिष्ठान में बाल श्रमिकों को नियोजित पाया जाता है तो उनके नियोजकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए अग्रसर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। श्रम अधीक्षक ने बताया कि यह अभियान 12 जून तक लगातार सभी प्रखंडों में जारी रहेगा और किसी भी परिस्थिति में बाल श्रम को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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