Wednesday, October 2

भारत से जाने वाला पेट्रोल अब नेपाल में नही रहा सस्ता,सीमा क्षेत्र के पेट्रोल पम्पो की लौट रही रौनक

रक्सौल।(vor desk)।भारत सरकार द्वारा पेट्रो पदार्थों के मूल्यों में कई गयी कटौती से नेपाल में पेट्रो मूल्यों में हुई वृद्धि से सीमाई पेट्रोल पंपों के दिन बहुरने लगे है।अब नेपाली पेट्रोल पंपों पर भारतीय लोगों व वाहनों की लंबी कतारें नही लग रही है।इससे भारतीय क्षेत्र के सीमाई पेट्रोल पंपों पर रौंनक बढ़ गयी है।जानकारी के मुताबिक,बढ़ती महंगाई से राहत के लिए एक ओर भारत सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में दी गई छूट के कारण देश मे पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य में गिरावट आई है और तो दूसरी ओर नेपाल सरकार ने मंहगाई व घाटा का हवाला देकर एक सप्ताह में लगातार दूसरी बार दस रुपया प्रति लीटर दाम बढ़ाए हैं।

अब तक नेपाल आयल निगम लिमिटिड के पेट्रोल डीजल के दामों से बिहार नेपाल सीमा के सीमाई उपभोक्ताओं को बिहार की अपेक्षा बड़ी राहत मिलती थी। विगत कई वर्षों से बिहार की अपेक्षा नेपाल में 15से 25 प्रति लीटर पेट्रोल डीजल सस्ता मिलता था। जबकि भारत से ही नेपाल को पेट्रोल- डीजल की आपूर्ति होती है।

इधर,बीते दिनों भारत सरकार ने पेट्रोल डीजल में एक्साइज ड्यूटी में बड़ी राहत आम लोगो को दी है।वही, नेपाल में लगातर दूसरे सप्ताह दस रुपया प्रति लीटर पेट्रोल डीजल के दाम को बढ़ाया। जिसका मुख्य कारण यूक्रेन युद्ध से कच्चे पदार्थ के दामों में लगातर बढ़ोतरी को बताया गया है।

नेपाल में आयल निगम का दाम को लेकर अपना अपना नियम है ।पर नेपाल आयल निगम के द्वारा विगत रविवार की देर रात्रि से जो बढ़ोतरी की गई है जिससे बिहार के सीमाई इलाके के पेट्रोल पंप संचालक बड़ी राहत की सांस ले रहे है । रक्सौल के एक पेट्रोल पंप संचालक विकास सिकरिया ने बताया कि विगत कई सालो के बाद सोमवार से नेपाल की अपेक्षा बिहार में पेट्रोल लगभग चार रुपया सस्ता मिलेगा। वही डीजल भी नेपाल से लगभग सात रुपया सस्ता मिलेगा । जिससे उनके व्यापार में जो ग्रहण लग गए थे वे अब छटेंगे।बता दे कि रक्सौल व आदापुर समेत सीमाइ भारतीय इलाके में अनेकों पेट्रोल पम्पो में ताला लग गया था।वहीं,दूसरी ओर नेपाल से बड़े पैमाने पर पेट्रोलियम पदार्थो की तस्करी भी धड़ल्ले जारी थी।

नेपाल में घाटा कम करने की कवायद:

रक्सौल।इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से पेट्रोलियम खरीद के बाद नेपाल में विक्रय मूल्यों की वजह से नेपाल ऑयल निगम चालू वर्ष में 47 अरब रुपये नेपाली मुद्रा का घाटा उठा चुकी है।इसकी पुष्टि करते हुए निगम के सह प्रवक्ता पुष्कर कार्की ने बताया कि रूस यूक्रेन युध्द की वजह से प्रशोधित तेल के अंतराष्ट्रीय कीमत में वृद्धि व डॉलर में पेमेंट की वजह से निगम लगातार घाटे में जा रही है।मूल्य वृद्धि का कारण घाटा को कम करना है।उनके मुताबिक,नए मूल्य समायोजन के उपरांत पेट्रोल में 1 अरब व डीजल में 3अरब 40 करोड़,एलपीजी गैस में 3 अरब नेपाली मुद्रा का मासिक घाटा उठाना पड़ेगा।उन्होंने बताया कि भारत को निगम प्रति माह 43 अरब भुगतान करना पड़ता है।विक्रय से प्राप्त 20 अरब 60 करोड़ रुपये भुगतान हो पाता है।जबकि,22 अरब 40 करोड़ रुपये प्रति माह बकाया बढ़ रहा है।इसी कारण चालू वर्ष में 47 अरब रुपये घाटा उठाना पड़ा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!