Saturday, September 21

सात संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकियों के बीरगंज पहुच कर भूमिगत होने से हड़कम्प,खुफिया रिपोर्ट पर सुरक्षा तेज!

भारत में बड़े आतंकवादी हमले काे अंजाम देने की फिराक में है उक्त पाकिस्तानी दल,कभी भी घुसपैठ सम्भव!

बीरगंज।(vor desk )।नेपाल के रास्ते भारत मे पाकिस्तानी आतंकियों की सक्रियता व घुसपैठ की सूचना से हड़कम्प मचा हुआ है।खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक,पाकिस्तान के सात संदिग्ध लोगों की टीम पिछले दिनों बीरगंज पहुच गई।और फिर पुलिस प्रशासन को इसकी भनक लगते ही यह टीम भूमिगत हो गई।खुफिया रिपोर्ट है कि ये सभी पाकिस्तानी आतंकी हैं।आशंका जताई गई है कि वे बीरगंज व आस पास के क्षेत्र में छुपे हुए हैं।खुली सीमा का फायदा उठाते हुए कभी भी ये रक्सौल या आस पास के रास्ते भारत मे घुसपैठ कर सकते हैं।


रिपोर्ट के मुताबिक,भारत सरकार द्वारा कश्मीर में धारा 370 व 35 ए के हटाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।और निरन्तर धमकियां देते आ रहा है।यही नही नेपाल में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई व पाक दूतावास ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।रिपोर्ट है कि नेपाल के रास्ते भारत मे आतंकवादीयो की पैठ करा कर बड़े आतंकी हमले कराने की योजना बनाई गई है।

सूत्रों का दावा है कि कश्मीर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती से घुसपैठ करना मुश्किल है,लिहाजा, नेपाल और भारत की खुली सीमा का फायदा उठाते हुए आतंवादी नेपाल के रास्ते भारत प्रवेश कर आतंकी घटना अंजाम देने की फ़िराक़ में है । इसके मद्देनजर सभी सुरक्षा निकाय सक्रिय और सजग हैं।

ख़ुफ़िया सूत्रों के अनुसार उक्त सात पाकिस्तानियों का दल नेपाल में विगत दिनों प्रवेश कर चुका है और भारत मे बड़े आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में जुटा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि काठमांडू एयरपोर्ट से उनकी गतिबिधि संदिग्ध थी, जिसके कारण वे सुरक्षा निकाय के नजर में आ गए। उनका पीछा किया गया, जिसमे वे सातों काठमांडू में अलग-अलग लोगो से मिलते हुए बीरगंज तक आए।बीरगंज पहुचने पर इनकी मीटिंग भी हुई।

सुरक्षा निकाय के पास इनकी गतिविधियों की पूरी फेहरिस्त मौजूद है। वे सात पाकिस्तानी जिनकी गतिविधियां संदेहास्पद रही उनके नाम हैं, ज़मील सुल्तान, खान वादा, गुल अमान, रहमत अली, अवल बट खान, अजमल खान, अल्लाह दोस्त खान। ये लोग बीरगंज आने के बाद मुड़ली जामा मस्जिद, श्रीपुर मस्जिद, कास्मिया मस्जिद, मस्जिद अबरार, सखुआ परसौनी गांव पालिका के बिभिन्न मस्जिद के आसपास देखे गए। सुरक्षा निकाय के नजर में आने के एहसास के बाद ये लोग भूमिगत हो गए। प्राप्त सुचना के अनुसार ये लोग अभी भी इन इलाकों में छुपे हुए है और अपनी रणनीति के अनुसार काम कर रहे है। माहौल शांत होने के बाद एक-एक करके इन्हे बॉर्डर पार करके भारत के बिभिन्न जगहों पर पहुंचाया जाएगा, भारत में इनके एजेंट और स्लीपिंग सेल्स जिन स्थानों की रेकी कर चुके है, वहां आतंकी हमला करने या मुंबई हमला 26 /11 जैसे दोहराने की योजना में है। रिपोर्ट है कि इनके पास भारत के नक्शे व अन्य दस्तवेज भी हैं।इनका मकसद दशहरा- दीपावली के मद्देनजर अक्टूबर 2019 से 31 नवंबर 2019 के बीच आतंकी मनसूबे को अंजाम देने की है।

रिपोर्ट में यह भी खुलाशा किया गया है कि उक्त संदेहास्पद टीम में शामिल ज़मील सुल्तान का पाकिस्तानी पासपोर्ट नंबर F 5722517 है, जो दिनांक 06 मई 2019 को जारी हुआ है और 05 मई 2024 तक है। खान वादा का पाकिस्तानी पासपोर्ट नंबर E 1471659 है जिसका जारी दिनांक 02 फ़रवरी 2016 से 01 फ़रवरी 2021 तक है। गुल अमान का पाकिस्तानी पासपोर्ट नंबर F 5236028 है जिसका जारी दिनांक 21 मार्च 2019 से 20 मार्च 2024 तक है। रहमत अली का पाकिस्तानी पासपोर्ट नंबर F 5302233 है, जिसका जारी दिनांक 01 अप्रैल 2019 से 02 अप्रैल 2024 तक है। अवल बट खान का पाकिस्तानी पासपोर्ट नंबर F 5302188 है, जिसका जारी दिनांक 02 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 तक है। अजमल खान का पाकिस्तानी पासपोर्ट नंबर E 1918907 है, जिसका जारी दिनांक 01 मार्च 2019 से 28 फ़रवरी 2021 तक है। अल्लाह दोस्त खान का पाकिस्तानी पासपोर्ट नंबर F 4309444 है, जिसका जारी दिनांक 31 जनवरी 2019 से 30 जनवरी 2024 तक है।

अहम बात यह है कि खुफिया रिपोर्ट व नजर के बाद भी अब तक ये पकड़ से इसलिए बाहर बताये गए हैं कि बीरगंज में इस गिरोह को संरक्षण मिलने की सूचना है।इन संदिग्ध पाकिस्तानियों की भेष भूषा सामान्य भारतीयों की तरह बताई गई है।जिस कारण ये भूमिगत हो गए।हालाकि, नेपाल के पुलिस अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं।जबकि, इंडो-नेपाल बॉर्डर पर तैनात एसएसबी पूरी तरह एलर्ट है।और निगरानी के साथ ही सुरक्षा जांच बढ़ा दी गई है।एसएसबी की 47 वी बटालियन कमांडेंट प्रियवर्त शर्मा के मुताबिक,एसएसबी बॉर्डर पर कभी भी किसी भी खतरे से निपटने को तैयार है।सीमा पर होने वाली आवाजाही और संदिग्ध लोगों पर निरन्तर नजर बनी हुई है।एसएसबी जवान हर पल मुस्तैद हैं।

बता दे कि वर्ष 1999 में क‌ंधार विमान अपहरण कांड के लिए नेपाल के त्रिभुवन अन्तरराष्ट्रीय विमान स्थल का उपयाेग किया गया था । जिसका मास्टर मांइन्ड मसूद अजहर आज भी पाकिस्तान की सरपरस्ती में है और भारत विरोधी मुहिम को अंजाम देता आ रहा है।

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