Thursday, October 3

श्री लंका की राह चला नेपाल,नेपाल रिजर्व बैंक के निर्देश पर 300 से ज्यादा वस्तुओं के आयात पर कड़ाई शुरू!

-रक्सौल कस्टम को राजस्व हानि ,कस्टम क्लियरिंग एजेंट भुखमरी की आशंका से सहमे

रक्सौल।(vor desk )।बढ़ते शोधनान्तर घाटा व घटते विदेशी मुद्रा संचिति की वजह से प्रभावित हो रहे अर्थतंत्र को देखते हुए नेपाल ने आयात पर कड़ाई शुरू कर दिया है।नेपाल राष्ट्र बैंक ने एहतियाती उपाय के तहत फोर व्हीलर, टू व्हीलर ,सोना -चांदी समेत विलासी वस्तुओं के आयात पर कड़ाई करते हुए बैंकों को एलसी( लेटर ऑफ क्रेडिट )जारी नही करने का निर्देश दिया है।जिसके बाद नेपाल के विभिन्न 27 वाणिज्य बैंकों ने इसके लिए सर्कुलर जारी कर दिया है।जिसका सीधा असर भारत-नेपाल व्यापार पर पड़ता दिखने लगा है।

मिली जानकारी के मुताबिक,नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी के निर्देशन पर आयोजित बैठक के बाद देश के विभिन्न वाणिज्य बैंकों ने अपने शाखाओं को ऊक्त सर्कुलर जारी किया है।बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक ने हालांकि, यह निर्देश मौखिक तौर पर दिया है।जिसके बाद बैंकों ने इस पर अनुपालन शुरू कर दिया है।कई बैंक तो किसी भी वस्तु के आयात के लिए एलसी जारी नही कर रहे।जिस वजह से बुधवार से विदेश व्यापार पर नकारात्मक असर साफ दिखने लगा है।

आधिकारिक सूत्रों व विशेषज्ञों के मुताबिक,नेपाल -भारत समेत तीसरे देशों से आयात किये जाने वाले 20 प्रमुख वस्तुओं समेत करीब 300 वस्तुओं के आयात पर कड़ाई के संकेत मिले हैं।इसमे पेट्रोलियम आयात को भी घटाने की की योजना है।साथ ही दैनिक उपभोग की वस्तुओं यथा – चावल,चीनी,मछली,कॉफी,चाय,चॉकलेट,मिल्क प्रोडक्ट,अंडा,सब्जी,केला,मरीच,सुपारी, मधु, लौंग,मिनिरल वाटर ,मेडिकल व सर्जिकल आइटम समेत कपड़ा,रेडीमेड कपड़ा, सीमेंट,मार्बल,प्लास्टर,
छाता,शराब,सिगरेट,परफ्यूम,मेकअप के समान,जूता चप्पल,चश्मा,कॉस्मेटिक्स, जैसी 300वस्तुओं के आयात पर कड़ाई के निर्देश दिए गए है।

इस बीच,नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने भी अपील किया है कि विलासिता की वस्तुओं का आयात देश हित मे न करें।उन्होंने आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों की एक बैठक बुला कर राय मशवरा व आगामी रणनीति बनाने के संकेत भी दिए हैं।

बताया गया है कि नेपाल में आगामी माह आम चुनाव की तैयारी है।लेकिन,कोविड संक्रमण के कारण प्रभावित अर्थ तंत्र की स्थिती डवांडोल होते देख कर समय रहते कड़े फैसले लिए जा रहे हैं,ताकि,अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि पिछले सात माह पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा संचिति( अमिरिकी डॉलर संचिति)में 17 प्रतिशत गिरावट आई है।चालू वर्ष के माघ माह तक 9अरब 75 करोड विदेशी मुद्रा संचिति थी।जबकि,आषाढ़ में 11अरब 75 करोड़ था।

वहीं,विदेशी विनिमय संचिति में भी 7 माह में 3.9 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

इस बाबत नेपाल राष्ट्र बैंक के डिप्टी गवर्नर बम बहादुर मिश्रा का कहना है कि देश के प्रतिकूल आर्थिक स्थिति के मद्देनजर आयात में कड़ाई का फैसला लिया गया है।यह कदम सावधानी के तहत उठाया गया है।स्थिति में सुधार नही होने तक आयात पर कड़ाई जारी रहेगी ।

भारत से पेट्रोलियम आयात पर भी नियंत्रण:

बैंक अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय बैंक का ये फैसला डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने की खातिर है। इसी तरह नेपाल आयातित पेट्रोलियम उत्पादों के लिए भारत को हर महीने 24 से 29 अरब रुपये का भुगतान करता है।नेपाली केंद्रीय बैंक का सुझाव है कि वित्त मंत्रालय इस रकम में कटौती कर 12 से 13 अरब रूपये करे। वहीं केंद्रीय बैंक के सुझाव पर नेपाल के तेल निगम के कार्यवाहक प्रबंध निदेशक नागेंद्र शाह ने कहा है कि अगर सुझाव मान लिया जाता है तो पूरे नेपाल में पेट्रोल-डीजल का गंभीर संकट हो सकता है। निगम ने जुलाई 2021 तक हर महीने 14 अरब डॉलर का खर्च ईंधन पर किया। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खर्च दोगुना हो गया है।हिमालयन बैंक के सीईओ अशोक राणा ने बताया है कि केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि गैर जरूरी चीजें जिसमें वाहन भी शामिल हैं उसके लिए कर्ज न दिया जाए। बैंक दिशा-निर्देशों का पालन भी कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक का कहना है कि वाहनों का आयात कम होगा तो ईंधन की भी खपत कम होगी।

*कोविड में पर्यटन हुआ ठप्प,देश पर पड़ा विपरीत असर

बैंक अधिकारियों की मानें तो विदेशी मुद्रा कोष में पांच फीसदी योगदान पर्यटन क्षेत्र का था। कोरोना महामारी के कारण पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हआ है जिसके कारण आर्थिक क्षति बढ़ी है। आयात बढ़ने और विदेशी मुद्रा घटने से इस बार व्यापार घाटा 207 करोड़ डॉलर का हो गया है। पिछले साल इसी अवधि में यह घाटा 81 करोड़ डॉलर था। केंद्रीय बैक का कहना है कि बढ़ता व्यापार घाटा आर्थिक ढांचे के लिए खतरनाक हो सकता है।

भारत के साथ व्यापार होगा प्रभावित, कस्टम एजेंट परेशान:

रक्सौल।नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा विदेश व्यापार के तहत आयात निर्यात के लिए जरूरी एलसी जारी करने पर रोक लगा देने से व्यापार धड़ाम होने लगा है।क्योंकि, व्यापार ही पूरी तरह बन्द होने की स्थिति में है।वहीं,एक ओर इंडियन कस्टम को राजस्व की क्षति होगी,तो,दुसरीं ओर कस्टम एजेंट भुखमरी के कगार पर होंगे।रक्सौल कस्टम से जुड़े कस्टम हाउस एजेंट एशोसिएशन के सदस्य जितेंद्र दत्ता ने बताया कि नेपाल सरकार ने आयात निर्यात के लिए दो माह पहले बैंकों से लेटर ऑफ क्रेडिट(एलसी )के जरिये व्यापार को अनिवार्य किया था।अब इस पर भी रोक लगाने की कवायद शुरू कर दी है।आयात पर कड़ाई से व्यापार ठप्प हो जाएगा।नेपाल के इम्पोर्टर अब नया माल ही नही मंगाएंगे।ऐसे में हम भूखों मरने की स्थिति में आ गए हैं।वे बताते हैं कि रक्सौल में 30 सीएचए हैं।जिनकी रोजी रोटी कस्टम क्लियरेन्स पर ही टिकी हुई है।

तस्करी बढ़ने की आशंका

नेपाल कस्टम द्वारा आयात अनुमति नही देने से बॉर्डर पर तस्करी बढ़ने की आशंका है।सीमा जागरण मंच के प्रदेश संयोजक महेश अग्रवाल की माने तो नेपाल के लिए यह अच्छे संकेत नही है।नेपाल श्री लंका की राह पर है।ऐसे में महंगाई व भुखमरी बढ़ेगी। आयात बन्द होने से दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ेगी।बॉर्डर पर तस्करी में भी इजाफ़ा होगा।(रिपोर्ट:गणेश शंकर)

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