रक्सौल।(vor desk )।रक्सौल स्थित मुख्य पथ निर्माण में अनावश्यक विलंब व अनियमितता को ले कर डीएम कपिल शीर्षत अशोक के ‘ एक्शन मोड’ में आते ही सड़क निर्माण महकमें में खलबली मच गई।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए महज 24 घंटे के अंदर पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षस्थ कपिल अशोक ने रोके गए निर्माण कार्य को लेकर बतौर रिसीवर के रूप में समाहर्ता आपदा-प्रबंधन विभाग को जांच दल के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों व संगठनों से समन्वय स्थापित कर यथाशीघ्र जांच रिपोर्ट सौंपने का पत्र जारी कर दिया।इस पत्र के आलोक में अपर समाहर्ता (आपदा )अनिल कुमार के नेतृत्व में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जांच दल के अधिकारियों के साथ अनुमंडल मुख्यालय के सभागार में गुरुवार को एक महती बैठक हुई।इस बैठक में अवरोध हटा कर सड़क निर्माण में तेजी लाने का निर्णय लिया गया।डीएम के पूर्ववर्ती पत्र के आलोक में कोई कार्रवाई नही हो सकी और निर्माण कार्य भी बिना रुके व गुणवत्ता की जांच किये मामले की लीपापोती शुरू हो गयी। निर्माण एजेंसी ने पुनः बिना किसी संशोधन के पूर्व की तरह निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है,जबकि बैठक में स्थानीय विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने पथ निर्माण विभाग व कंस्ट्रक्शन कंपनी को फटकार लगाते हुए कहा कि इस लापरवाही से सरकार व जन प्रतिनिधियो की फजीहत हो रही है।इसे बर्दाश्त नही किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नवम्बर 2021 में वे बिहार विधान सभा मे निर्माण में विलंब और सड़क के माप दंड व और भूमि पर निर्माण को ले कर आवाज उठाई थी।बावजूद,निर्माण कार्य शिथिलता का शिकार रहा।उन्होंने पूछा कि 3 दिसम्बर तक वन-वे घोषित इसलिए हुआ था कि यथाशीघ्र सड़क निर्माण हो जायेगा,फिर विलंब क्यो हुआ ?उन्होंने सवाल खड़े किए की आखिर विभाग व कन्स्ट्रक्शन कम्पनी के इंजीनियर साइट पर क्यों नही रहते?उन्होंने कहा कि हर हाल में सड़क निर्माण जल्द पूर्ण करने होंगे।इधर,निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर कोई सवाल नही उठा और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस मुद्दे को टटोल नही सके।वही,लोगों में सड़क निर्माण कौतूहल का विषय बन गया है।स्थानीय व्यवसायियों का आरोप है कि निर्माण एजेंसी के कार्यो में पारदर्शिता व प्रतिबद्धता होती तो सड़क निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित नही होती और कार्यस्थल पर प्रदर्शन बोर्ड लगाया गया होता,जिससे स्थानीय लोग सड़क निर्माण के निर्धारित मानदंडों व प्राक्कलन की स्थिति का अवलोकन कर लेते।लिहाजा, बैठक में मुख्य पथ के नाले का संकुचित निर्माण व सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर कोई चर्चा नही होना,डीएम के जांच रिपोर्ट को प्रभावित करने की कवायद साबित हो सकती है।जो शहर के विकास से खिलवाड़ करने का धोतक बनेगा।
रकसौल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के शिकायत पर डीएम के संज्ञान लेने बाद गठित जांच टीम की बैठक में जाम व अतिक्रमण हटा कर सड़क निर्माण कार्य सम्पन्न कराने पर फोकस रहा।इस दौरान जांच कमिटी में शामिल एसडीओ आरती,डीएसपी सतिश सुमन,डीसीएलआर राम राम दुलार राम,नगर परिषद के कार्यपालक पडाधिकारी सन्तोष कुमार सिंह,ग्रामीण कार्य विभाग, रक्सौल प्रमंडल के कार्यपालक पदाधिकारी दरभंगी राम,व व्यापारिक प्रतिनिधि के रूप में रक्सौल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता मौजूद रहे।
बैठक में पथ निर्माण विभाग व संवेदक ने लीखित दिया है कि शिघ्र ही एक साइड सड़क को मोटरेबल बनाया जाएगा।मार्च तक दोनो लेन कि सड़क एक साइड का नाला व अप्रैल तक पूर्ण रूप से कार्य सम्पन्न करा लिया जाएगा।
एसडीओ आरती का कहना है कि यदि तय डेड लाइन मार्च 2022 तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण नही हुआ,तो,संवेदक पर कार्रवाई होगी।
इस दौरान चेम्बर के महा सचिव आलोक कुमार श्रीवास्तव ,सांसद प्रतिनिधि राजकिशोर राय उर्फ भगत जी,रक्सौल थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर, पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी अशोक कुमार,जेई मृत्युंजय कुमार,सड़क निर्माण कम्पनी सोना इजिकौन के प्रतिनिधि व विद्युत विभाग के अधिकारी आदि मौजूद रहे।