Saturday, October 5

रक्सौल पीएचसी में कुप्रबन्धन व उचित इलाज के अभाव में बुजुर्ग की मौत

रक्सौल।( vor desk)।एक ओर सरकार लोगोँ को ठंड से बचाव के लिए आश्रय स्थल खोल रही है और कोरोना व ठंड को ले कर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड़ पर रखा गया। है।वहीँ,रक्सौल स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहोशी की स्थिति में लाए गए एक बुजुर्ग की अस्पताल में कुप्रबंधन व उचित इलाज के अभाव में मौत हो गई।मामला शनिवार के करीब 12 बजे की बताई गई है।मिली जानकारी के मुताबिक,शहर के सब्जी बाजार में ऊक्त बुजर्ग को अचेत देखा गया।जिसके बाद आस पास के लोगों ने पूर्व वार्ड आयुक्त ओम प्रकाश पांडे के देख रेख में रक्सौल थाना के सअनी मधुसूदन गुप्ता के द्वारा नजदीक के पीएचसी में लाया।अफरा तफरी के बीच उक्त बुजुर्ग को इमरजेंसी वार्ड के बजाय मातृ एवं शिशु सदन के बरामदे में पड़े एक बेड पर रखा गया।वहां स्ट्रेचर तक की सुविधा नही थी।सूचना मिलते ही मेडिकल ऑफिसर डॉ अनमोल कुमार ने पहुंच कर जांच की।हालांकि, इस क्रम में बीपी व हार्ट की स्थिति नॉर्मल पाई गई।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक,मरीज अर्ध अचेत स्थिति में तेज सांस लेने के साथ हल्का हल्का कराह रहा था। मुँह से झाग भी निकल रहा था।इलाज के क्रम में नाजुक स्थिति देख कर डॉ अनमोल ने मरीज को अविलंब आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता बताई।जिसके बाद मरीज के मोबाइल से उसके घर पर खबर की गई।मौके पर परीजन के नही रहने व अस्पताल की कोई तैयारी नही रहने की वजह से विपरीत परिस्थिति में डॉ अनमोल ने मरीज को सीपीआर व ट्रीटमेंट देने की कोशिश की।लेकिन,मरीज की जान नही बचाई जा सकी।अंततः करीब आधे घण्टे के प्रयास के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया गया।

इस बीच मृतक की पहचान मोतिहारी -तुरकौलिया के शंकर सरैया निवासी सुजीत पांडे( 65 वर्ष )के रूप में की गई।मृतक के परिजनों ने बताया कि वे आर्टिफिशियल ज्वेलरी बेचने का काम करते थे।दो पुत्र के पिता सुजीत अहले सुबह करीब 7 बजे घर से वीरगंज जाने को निकले थे।इसी बीच सुबह यह घटना घटित हुई,जिंसमे मौत हो गई।
इस बाबत पूछने पर मेडिकल ऑफिसर डॉ अनमोल कुमार ने बताया कि मरीज के माथे पर हल्की चोट पाया गया।पीएचसी में प्राथमिक उपचार की गई।आईसीयू रेफर करने की जरूरत थी।लेकिन,इसी क्रम में मौत हो गई।उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के लिए शव को सदर अस्पताल मोतिहारी भेजने की तैयारी है,जिसके बाद पता चलेगा कि ब्रेन हेमरेज या स्ट्रोक था,या फिर जहर या ड्रग्स सेवन की वजह से मौत हुई।

इधर,अनुमण्डल उपाधीक्षक एसके सिंह ने मीडिया को बताया कि प्रथम दृष्टया मौत ठंड से हुई लगती है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्थिति स्पष्ट होगी।

क्या मरीज को था कोविड?

यह तो कहा जा रहा है कि ठंड से मौत हुई।लेकिन, यदि कोविड 19 संक्रमण निकला ,तो,क्या संदेश जाएगा?क्या यह कुप्रबन्धन व लापरवाही उचित साबित होगी?फिलहाल पीएचसी में व्याप्त कुप्रबन्धन को ले कर तरह तरह की चर्चा है।लापरवाही से इलाज को आने वाले मरीज सहमे हुए हैं।

कुप्रबंधन में उपचार:रक्सौल पीएचसी के मातृ एवं शिशु सदन में 6 बेड का लेबर रूम है। साथ ही इमरजेंसी वार्ड व नियमित टिकाकरण कक्ष है।वहीं अहाते में बंध्याकरण के लिए पहुंची महिलाओं का निबंधन व ठहराव के साथ ही 15 से 18 वर्ष के उम्र के बच्चों का टिकाकरण चल रहा था।बगल में ही लेबर रूम है।बावजूद कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाए जाने के बीच हालत यह थी कि बुजुर्ग मरीज को बेड पर सुलाने के बाद चिकित्सक डॉ अनमोल व एएनएम रीता श्रीवास्तव ,कम्पाउंडर कामेश्वर प्रसाद आदि को खड़ा होने व इलाज की जगह भी नही थी।यही नही इस माहौल के बीच लापरवाही का आलम यह था कि शव को इसी अहाते में शाम के करीब 5 बजे तक रखा गया।लोगों की भीड़ उमड़ती रही।परिजनों के आने तक यही स्थिती रही।यही नही पीएचसी स्टाफ वहां चाय,गुटखा,सिगरेट पीते दिखी,लेकिन,किसी को शव के व्यवस्थापन कि चिंता नही दिखी।

परिजनों व प्रत्यक्षदर्शियों के कहना था कि यदि समय रहते सही इलाज मिला होता,मरीज की जान बच जाती।इधर,अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अनुमंडलीय अस्पताल के संचालन में आने से इस तरह की दिक्कत खत्म हो जाएगी।

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