Sunday, October 6

नेपाल में सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई होगी तेज,बैठक में लिया गया संकल्प!

रक्सौल।( vor desk )।सीमा पार पड़ोसी देश नेपाल के पोखरिया बाजार स्थित एक विद्यालय परिसर में शुक्रवार को शोषित-पीड़ित वंचित समाज के समाजसेवियों की एक महती बैठक नेपाल के दलित चिंतक सह प्रमुख समाजसेवी मुखिलाल पासवान की अध्यक्षता में आहुत हुई।इस बैठक में बहुजन समाज के चहुँमुखी विकास को लेकर आवश्यक सामाजिक विमर्श किया गया।विमर्श के दौरान नेपाल के दलित-शोषित समाज के साथ सामाजिक भेदभाव,उत्पीड़न,छुआछूत तथा शासन-प्रशासन में समुचित भागीदारी नही मिलने के मुद्दे को चिंताजनक करार दिया गया।इसके लिए देश-दुनिया में जन्में मानवतावादी संत-गुरु-महापुरुषों के जीवनी व आदर्शो से प्रेरणा लेकर सामाजिक उत्थान करने तथा शिक्षा जैसे मूलभूत अधिकारों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प व्यक्त किया गया।इस बैठक के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल भारत में संचालित अम्बेडकर ज्ञान के संस्थापक मुनेश राम ने बताया कि समाज के चहुँमुखी विकास के लिए सामाजिक कुरीतियों,शराब-नशापान,अंधविश्वास, पाखण्ड,अस्वच्छता,अशिक्षा,बाल विवाह आदि को त्यागना होगा और बच्चों को शिक्षा जैसे मूल्यभूत जरूरतों से लैश करना होगा,तभी बहुजन समाज का कायाकल्प हो सकता है।इसके लिए पढ़े-लिखे युवक व युवतियों के साथ महिलाओं को भी आगे आने की जरूरत है,जिसे किसी एक सामाजिक संगठन के बैनर तले सामाजिक एकजुटता कायम करने होंगे।मंच के सदस्य ताराचंद राम ने कहा कि सामाजिक जागृति के लिए हमारी एकजुटता व सक्रियता ही मंजिल तय करने में अहम भूमिका अदा करेगा।वही,स्थानीय समाजसेवी शम्भू पासवान ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन की धारा मजबूत करने के लिए विश्वगुरु तथागत गौतम बुद्ध,अम्बेडकर-फूले, संत रैदास-कबीर,अब्राहम लिंकन व नेल्सन मंडेला जैसे मानवतावादी महापुरुषों के जीवनी व आदर्शो को आत्मसात करके ही हम आगे बढ़ सकते है और सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई मजबूत हो सकती है।नेपाल के वरीय अधिवक्ता प्रेमशंकर हजारी ने कहा कि नेपाल में वंचित-शोषित समाज की एकजुटता के लिए हमें गांव-गांव टोलियों के रूप में जाकर लोगों को संगठित करने की आवश्यकता है।तभी सामाजिक जागरूकता आएगी।मुखिलाल पासवान ने सामाजिक जागृति के लिए गांव-गांव शिक्षा का अलख जगाने पर जोर दिया।इसके साथ ही रविभूषण राम ने भी सामाजिक जागरूकता के लिए सांगठनिक तैयारी का आह्वान किया।विरकेश पासवान ने खुद को मजबूत करने के लिए गौतम बुद्ध के तीन शब्द अप्पो दीपो भव(अपना प्रकाश स्वयं बनो) का मूलमंत्र आत्मसात करने का संकल्प व्यक्त किया।बैठक के बाद मुखिलाल पासवान की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से बहुजन जागृति मंच नामक एक राष्ट्रीय सामाजिक संगठन का गठन किया गया।मौके पर दीनानाथ पासवान, महेश पासवान आदि उपस्थित रहे।

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