Sunday, October 6

छठ पर्व : रक्सौल बॉर्डर पर दिखी साझा संस्कृति की झलक,कोविड काल मे सोल्लास मना पर्व!

रक्सौल ।(vor desk)। लोक आस्था का महापर्व कार्तिकी छठ सोल्लास व शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। गुरुवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रतियो ने उपवास को खत्म कर अन्न-जल को ग्रहण किया।

बुधवार को डूबते सूर्य को अर्ध्य के बाद रात्रि काल मे कोसी पूजा की गई।फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले ही लोग अपने-अपने घरों से घाटों के लिए निकल पड़े ।

तदोपरांत, छठव्रती और परिवारजन नदी और जलाशय में कमर भर पानी में खड़े रहकर भगवान भास्कर के उदित होने का इंतजार किया।जैसे ही सूर्य की किरणें उदित हुईं , साड़ी और धोती पहने स्त्री–पुरुष भगवान सूर्य की अराधना में मंत्रोच्चार के साथ लीन हो गए।

उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घाट पर ही छठ व्रतियों ने सुहागिन महिलाओं को सिंदूर लगा कर उनके सौभाग्यवती होने की कामना की।साथ ही एक दूसरे को प्रसाद दिया।

छठ पूजा को लेकर शहर के सबसे प्राचीन आश्रम रोड छठिया घाट

समेत चेक पोस्ट घाट,तुमड़िया टोला स्थित भकुआ ब्रह्म बाबा घाट,शिव मंदिर, कोइरीया टोला स्थित त्रिलोकी नगर घाट,सभ्यता नगर घाट, नागा रोड स्थित बाबा मठिया घाट, कौड़िहार चौक,सूर्य मंदिर स्थित सूर्य मंदिर घाट सहित अन्य स्थानो पर भक्तों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया।

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी:मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस पदाधिकारी के साथ सशस्त्र बल व एसएसबी के महिला व पुरुष जवान तैनात थे।एसडीओ आरती के निर्देश पर डीसीएलआर राम दुलार राम,एएसपी चन्द्र प्रकाश,कार्यपालक दण्डाधिकारी सन्तोष कुमार, बीडीओ सन्दीप सौरभ,सीओ विजय कुमार,पीजीआरओ सतीश कुमार ,इन्स्पेक्टर शशिभूषण ठाकुर आदि सुरक्षा व्यवस्था की मोनिटरिंग कर रहे थे।उन्होंने छठ घाटों का निरीक्षण भी किया और शुभकामनाएं भी दी।

रेलवे ट्रैक पर निगरानी:छठ पूजा खत्म होने तक रेल सुरक्षा बल के अधिकारी व जवान समेत एसएसबी रेलवे ट्रैक की निगरानी में रहे।शहर के सभी घाटों में सबसे बड़ा और संवेदनशील आश्रम रोड घाट पर प्रशासन का पड़ाव स्थल था। उक्त घाट से सटे रेलवे लाइन होने के कारण ट्रेन परिचालन सुरक्षित हो और इस दौरान दुर्घटना न हो इसके लिए विशेष चौकसी रखी गई।आश्रम रोड छठिया घाट व पूजा कमिटी की ओर से नगर पार्षद रवि गुप्ता,कुंदन सिंह,पुजारी गणेश झा के देख रेख में समय समय पर माइकिंग कर लोगो को सतर्क भी किया जाता रहा।

उत्साह:कोविड काल के बाद लोग राहत की सांस लेते दिखे।यही कारण है कि उमंग उत्साह देखते ही बन रहा था।झूले व अन्य मनोरंजन के साधन का बच्चे खूब लुत्फ उठाते दिखे।घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था।

वैक्सिनेशन के बाद घाट पर काफी भीड़ थी।मास्क कम ही लोगों ने पहन रखा था।

हालांकि,घाट पर कोविड जांच व वैक्सिनेशन की व्यवस्था थी।मेडिकल ऑफिसर डॉ मुराद आलम के मुताबिक,तकरीबन वैक्सिनेशन होने की वजह से घाटों पर कैम्प में कम ही लोग पहुंचे।

श्रद्धालुओ ने दिया दंड:मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालुओं ने छठी मइया व भगवान सूर्य का नमन करते हुए घर से घाट तक दण्ड देते पहुचे और नहा धो कर पूजा अर्चना किया।वहीं,अनेको श्रद्धालुओ ने मन्नत पूरी होने पर प्रसाद भी बांटी व प्रसाद के लिए भीख भी मांगा।

घर पर छठ:सरिसवा नदी के अति प्रदूषित जल को देखते हुए रक्सौल के कतिपय स्थानों पर श्रद्धालुओं ने अपने छत और दरवाजे पर हीं पोखरा और छठी माता की प्रतिमा बनाकर छठी माता को अर्घ्य देकर श्रद्धा व उल्लास पूर्वक व्रत -पूजन किया।कांग्रेस नेता राम बाबू यादव ने भी लक्ष्मीपुर स्थित आवास पर सपरिवार छठ पर्व मनाया।

इधर,रक्सौल प्रशासन के दबाब व पर्सा जिला प्रशासन की सक्रियता के बाद गंदे जल का प्रवाह रोका गया।सुबह तक जल कुछ साफ हुआ,लेकिन,श्रद्धालु इस स्थिति से काफी नाराज दिखे।

सूर्य मंदिर छठ घाट पर भीड़:शहर के रक्सौल थाना परिसर स्थित तालाब में बने सूर्य मंदिर के कारण श्रद्धालुओ की आस्था दिनों दिन बढ़ी है।इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ ने यहां छठ व्रत किया।घाट पर साफ सफाई व रोशनी का उचित प्रबंध से यह परिसर आकर्षण केंद्र रहा।

कस्टम घाट व भकुवा ब्रह्म बाबा घाट पर साझा संस्कृति: रकसौल-बीरगंज को जोड़ने वाले मैत्री पुल के नीचे कस्टम घाट पर भारत व नेपाल के श्रद्धालुओं ने मिल जुल कर पर्व मनाया।सरिसवा नदी के दोनों ओर छठ पर्व का दृश्य काफी विहंगम रहा।बताया गया कि वर्षो से रक्सौल व सीमा पार बीरगंज के इनरवा क्षेत्र के नागरिकों यहां मिल जुल कर छठ मनाते हैं।जो भारत नेपाल की एकता का संदेश भी देता है।

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