Sunday, October 6

नेपाल: छठ पर्व पर पूर्व युवराज्ञी हिमानी शाह ने बीरगंज में की पूजा अर्चना, दी शुभकामनाएं!

बीरगंज।( vor desk )।नेपाल की पूर्व युवराज्ञी हिमानी शाह ने बीरगंज पहुंच कर छठ पूजा की।काठमांडू से बीरगंज के घरीहरवा पोखरी पहुंची हिमानी करीब चार बजे सिमरा एयरपोर्ट पहुँची।उसके बाद करीब पौने छह बजे बीरगंज पहुंची।एक नम्बर गेट से पूजा परिसर गईं और उसी रास्ते निकल गई।प्रवेश करते समय स्वागत द्वार में उन्होंने पानस में दीप प्रज्वलित किया।हाथ हिला कर समर्थकों का अभिवादन किया।

इस दौरान उन्होंने सूर्य मंदिर पहुंच कर छठी माता की पूजा अर्चना की।इस मौके पर काफी भीड़ उमड़ी।उनके पहुँचने पर स्वागत में हेलिकॉप्टर से पुष्प व पूर्व राजा-रानी के चित्र अंकित प्रचार सामग्री की वर्षा की गई।

दरअसल,नेपाल में राजतंत्र की समाप्ति के बाद पहली बार पूर्व युवराज्ञी हिमानी जनता के बीच छठ पूजा में शामिल होने बीरगंज पहुंची। नेवाड़ समुदाय के राजघराने से पहली बार कोई तराई क्षेत्र में छठ पूजा में शामिल हुआ है। इसको लेकर नेपाल की राजनीति में हलचल है।

बताते चले कि बिहार के छठ पर्व की धूम नेपाल में भी कम नही है। नेपाल के तराई इलाके में बड़े पैमाने पर भारतीय मूल के नागरिक रहते है ।जिस वजह से बड़े ही श्रद्धा पूर्वक यहां छठ मनाया जाता है।पर्व पर छठ गीत के बीच झील मिल रोशनी, सजावट के बीच पूजन का मनोहारी छँटा देखने को मिलती है।


नेपाल की औधोगिक नगरी बीरगंज के घडिर्रवा पोखरा के बीचों बीच सूर्य देव की प्रतिमा स्थापित है ।जहां छठ के समय मे लाखो की संख्या में नेपाल सहित सीमाई इलाक़े के श्रद्धालु भगवान भास्कर को अर्क देने के साथ ही यहां की सजावट को देखने पहुचते हैं।

इस बार बीरगंज की छठ पूजा नेपाल में काफी चर्चित है।क्योंकि,बुधवार को सँझिया घाट पर पूर्व राज परिवार की युवराज्ञी हिमानी एव उनकी पुत्री कृतिका साह के आने से लोगो का उत्साह देखने लायक रहा।हिमानी ने छठ पूजा के जरिये हिंदुओ का दिल जीत लिया।उनका जादू यहां खूब दिखा।समर्थकों ने उन्हें हाथों हाथ लिया।

गौरतलब है कि नेपाल में राजतंत्र नहीं है,बल्कि, नेपाल में संघीय गणतंत्र है ।वहाँ भी लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार कायम है, पर कई वजहों से राजनीतिक दलों की शाख गिरी है।ऐसे में नेपाल के लोग धीरे धीरे राजतंत्र के पक्ष में आवाज़ उठाने लगे है। नेपाल के कई राजनीतिक दल तो सीधे तौर पर पूर्व राजा ज्ञानेंद्र को चुनावी राजनीति में आने की अपील कर चुके है ,तो, वहां के हिन्दू संगठन राजतंत्र की वापसी के लिए आन्दोलनरत है ।पर लगातार देश में दौरे कर रही राज घराने की बहु हिमानी के ‘छठ पालिटिक्स ‘ से देश स्तर पर हलचल मच गई। हजारों की भीड़ द्वारा जिंदाबाद के नारे लगाने से नेपाल की वाम राजनीतिक खेमे में सरगर्मी अचानक तेज हो गयी है।बता दे कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह व पूर्व रानी कोमल पूर्व में वीरगंज स्थित गहवा माई मन्दिर में पूजन अर्चन के साथ जनता के बीच उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं।इनकी सक्रियता को ‘हिंदूवाद’ और’ संवैधानिक राजतंत्र-बहुदलीय प्रजातंत्र ‘ को ‘रीएक्टिवेट ‘ करने के छुपे एजेंडे से जोड़ कर देखा जाता रहा है।लेकिन, यह कैसे सम्भव होगा?यह आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।क्या वाकई गुल खिलेगा?यह सवाल लोकतंत्र वादियों को सकते में डाले हुए है।

नेपाल के राज घराने के किसी भी बहु के सार्जनिक तौर पर किसी पर्व या कार्यक्रम में शामिल होने की यह पहला वाकया है।

नेपाल में राजा विष्णु के अवतार माने जाते रहे हैं।कभी हिन्दू राष्ट्र रहे नेपाल में ही’ लिविंग गोडेस’ यानी ‘जीवित देवी ‘की पूजा होती है । राज परिवार कभी भी नेपाल के तराई में सदियों से मनाये जाने वाले छठ पूजा में शामिल नहीं हुआ। राज परिवार के द्वारा छठ ब्रतियों के लिए सहयोग दिया जाता रहा,किन्तु, राज परिवार छठ में शामिल नहीं होता था ।

पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की पतोहू व पूर्व युवराज पारस साह की पत्नी हिमानी शाह के यहाँ छठ करने की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई थी ।निर्धारित कार्यक्रम के बीच हिमानी शाह ने घरीहरवा पोखरी छठ घाट पर आकर सूर्य देव की पूजा के साथ दीप दान किया और वहां मौजूद छठ व्रति महिलाओं के साथ बैठ कर आराधना की।जो सियासी सरगर्मी का कारण बना।नेपाल में अगले वर्ष 2022 में आम चुनाव होने वाला है।ऐसे में सियासत के नजरिये से इस ‘छठ पॉलिटिक्स ‘को अहम माना जा रहा है।सवाल यह भी है कि क्या राज परिवार सक्रिय राजनीति की ओर है?या …अपने समर्थन में मनोकुल बहुमत के लिए रणनीतिक तैयारी में है?

बीरगंज पहुचने पर उपस्थित श्रद्धालुओ से मिल कर उन्हें छठ की शुभकामनाएँ दी।जो ,’राजशाही ‘अंदाज के बजाए’लोकतांत्रिक’ रवैये से मिलता जुलता दिखा।

हिमानी शाह ने छठी माई की जय के नारे लगाए और हाथ जोड़ कर प्रणाम करते हुए देश दुनियां में शांति-प्रगति की प्रार्थना भी की।जो श्रद्धालुओ को अभिभूत कर गया।हिंदुत्व का ज्वार तेज हो गया।


इन्हें देखने एवं इनके साथ सेल्फी हेतु बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। जिससे सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मी एव छठ ब्यवस्थापन समिति को काफी दिक्कत का सामान करना पड़ा।इस अवसर पर उत्साहित राज परिवार समर्थकों ने ‘राजा आओ,देश बचाओ’ और ‘हाम्रो राजा हाम्रो देश,प्राण भन्दा प्यारो देश’ जैसे नारे भी लगाए।लेकिन,पूजा पंडाल से उन्हें दूर रहना पड़ा।

नेपाल की सड़कों पर लगातार’तालिबानीकरण बन्द करो’ के जुलूस और ‘चीन के नेपाल में बढ़ते दखल के साथ वाम राजनीति की मजबूत पैठ ‘के बीच भारत-नेपाल रिश्ते में उतार चढ़ाव के दौर में ‘शांति-‘सकूँन-समृद्धि वाले नेपाल की चाहत व हिन्दू राष्ट्र की पुनर्वापसी चाहने वाले लोग हिमानी शाह की सक्रियता को उम्मीद भरे नजरों से देख रहे हैं।

( बीरगंज से लौट कर गणेश शंकर एवं साथ मे राहुल कुमार )

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