Monday, September 23

‘गो कोरोना गो’ वाली टोपी और अबीर के संग सादगी से मनेगी होली!

रक्सौल।( vor desk )।कोरोना काल के बाद इस बार होली का रंग कुछ बदले अंदाज में है।खुशियां चुराने के लिए आम लोगों ने जहां जम कर खरीददारी की,वहीं रंगोत्सव के रंग में अपनी नई जिंदगी को रंगों से सरोबोर करने की तैयारी की भरपूर की ।

सावधानी के बीच खरीददारी का असर पिचकारी व रंगों के बाजार पर भी दिखा।

इस बार परम्परागत रंगों की बिक्री कम हुई।यानी पानी मे रंग डालने और पेंट लगाने की प्रवृति से लोग सादगी पूर्ण होली की ओर बढ़ते दिखे।

पहले के जमाने मे कीचड़युक्त कुर्ता फाड़ होली की बाजाये अबीर से होली खेलने की ओर ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है।

बैंक रोड के आदर्श चौक स्थित किराना प्राचुन दुकानदार बिट्टू गुप्ता बताते हैं कि इस बार अबीर की बिक्री काफी बढ़ी ।खुश्बूयुक्त व बढ़िया क्वालिटी के अबीर की बिक्री खूब रही।
जबकि,पुड़िया रंग ,स्प्रे व पेंट की बिक्री में काफी गिरावट आई ।
इधर,पिचकारी की बिक्री तो खूब रही।लेकिन,इसका स्टाइल भी बदला दिखा।

विकास गिफ्ट सेंटर के संचालक विकास गुप्ता के मुताबिक,इस बार बैगवाला पिचकारी यानी पीठ पर टैंक वाली पिचकारी की डिमांड खूब रही।सौ से एक हजार तक के सभी रेंज की डिमांड रही।तो,कलर फॉग पांच डिजाइन में उपलब्ध रहा।जो सौ से दो सौ के रेंज में बिक्री हुई।वहीं,टोपी में गो कोरोना गो वाली टोपी पहली पसंद रही।
वहीं,पिचकारी विक्रेता ओम प्रकाश, मंटू ठाकुर ,मुकेश कुमार ने बताया कि लॉक डाउन के हो हल्ला से व्यापार पर बुरा असर था।लेकिन,सरकार के कोरोना गाइड लाइंस के बाद लोगों ने सावधानी का ख्याल रखते हुए अंतिम दो दिनों में जम कर ख़रीदगी की।
बहरहाल,कोरोना काल के बाद व्यापारियों के चेहरे पर हल्की मुस्कान दिखी।चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरुण गुप्ता कहते हैं कि आम लोग कोरोना से लड़ने की मानसिकता में हैं,लेकिन,लॉक डाउन के पक्ष में नहीं।इसका संकेत होली के बाजार से मिला।कोरोनाकी मार से आहत लोगों नेे इस बार कर्ज ले कर भी खुशियां चुराने की कोशिश की है।

हालाकि,विश्लेषकों का कहना है कि रक्सौल में होली को ले कर भारी भीड़ व अव्यवस्था के बीच प्रशासन पूरी तरह फेल रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!