Monday, September 23

रक्सौल के वार्ड 8 व 9 में आधा दर्जन बच्चों की मौत से हड़कम्प,स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ी!


रक्सौल।( vor desk )। शहर के वार्ड 8 व 9 अंतर्गत गांधीनगर व इस्लामपुर मुहल्ले में पिछले एक सप्ताह के अंदर अज्ञात बीमारी से अब तक करीब आधा दर्जन बच्चों की हुई मौत से हड़कम्प मचा हुआ है।जबकि दर्जनों बच्चे इसकी चपेट में बताये गए हैं।लगातार हो रही घटना के बाद मुहल्लेवासी अपने-अपने बच्चों को लेकर क्षेत्र से पलायन कर गए है।यूं कहें कि ये मुहल्ले बच्चों से वीरान हो गए हैं।इसके पीछे अभिभावकों को डर है कि कही उनके जिगर के टुकड़े की अकाल मौत न हो जाएं।फिलवक्त,लगातार हुई मौत से खौफ कायम है।शहर के अति पिछड़े व अल्पसंख्यक बहुल इस इलाके में लोग यह नही समझ पा रहे हैं कि आखिर मौत का कारण क्या है?पीड़ित जनों का कहना है कि आधी रात के बाद बच्चों की मौत हो जाती है।पहले दम घूँटने लगता है।फिर मौत।जिन बच्चों की मौत होती है उनके शरीर पर चकते के रूप में हथेली जैसा छाप दृष्टिगोचर होता है।साथ ही उनके नाक से खून के साथ मुहं से सफेद झाग निकलने लगता है।शरीर नीला पड़ जाता है।
पूर्व वार्ड पार्षद शबनम आरा के पति नुरुल्लाह खान का दावा है कि उक्त अज्ञात बीमारी से अब तक दर्जन भर बच्चे की मौत हुई है।दर्जनों आक्रांत हैं।
इधर,स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है।रक्सौल के पीएचसी प्रभारी डॉ0 शरत चन्द्र शर्मा ने मरने वाले बच्चे की संख्या व मौत के कारण की जांच के लिए मेडिकल टीम गठित कर दिया है। जीवन चौरसिया के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय दल ने शनिवार को प्रभावित मोहल्ले में जांच की।टीम में केयर के प्रबन्धक प्रियरंजन कुमार,एएनएम स्वर्णलता व मोनिका शामिल थे।पीएचसी ने प्रथम दृष्टया जांच के बाद मरने वाले शिशुओं की संख्या पांच बताई है।हालांकि,यह संख्या बढ़ भी सकती है।क्योंकि जांच जारी है।मौत का एक कारण न्युमोनियाइटिस व ब्रोंकाइटिस बताया गया है।हालांकि,डॉ0 शर्मा का कहना है कि पूरे जांच के बाद ही कारणों का पता लग सकेगा।
बताते है कि इस मामले का खुलासा उस समय हुआ जब इस बीमारी से पीड़ित सलाउद्दीन मियां के नवजात बच्चे को डंकन अस्पताल में भर्ती कराया गया।पीड़ित सलाउद्दीन ने बताया कि उसके बच्चे के मुहं व नाक से खून निकलने लगा।शरीर नीला पड़ने लगा और चकता आ गया।इसके बाद डरे सहमे व रोते माहौल में डंकन अस्पताल में भर्ती कराया।
इस बीच,डंकन अस्पताल सूत्रों का कहना है कि इस बच्चे को न्यूमोनिया नामक बीमारी के ही एक बदले रूप ब्रोंकाइटीस नामक बीमारी हुई थी,जिसे स्वस्थ हो जाने के बाद अस्पताल से रिलीज कर दिया गया।बच्चा फिलवक्त स्वस्थ है ।शनिवार को घर पहुचने के बाद दहशत के माहौल में परिजन उसे शहर से बाहर लेकर चले गए है।
इस बीच स्थानीय लोगो के बीच अंधविश्वास भी काफी घर कर गया है।जो ओझा गुनी के चक्कर मे पड़ गए हैं ।घटना को किसी दैवीय प्रकोप का असर बताया जा रहा है।इसी कारण परिजन बच्चों के जीवन रक्षा के लिए पलायन कर रहे है।घटना के पीछे सरिसवा नदी का प्रदूषण को भी कारण माना जा रहा है।जिसके कारण उतपन्न जानलेवा बीमारी से अनेकों मौत हो चुकी है।

जबकि रक्सौल पीएचसी के स्वास्थ कर्मी इस बीमारी को बढ़ते ठंड के बीच बच्चों को होनेवाली मौसमी बीमारी न्यूमोनिया का असर बता रहे है।इसके लिए सावधानी- बचाव को ले कर जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है।
रक्सौल पीएचसी की रिपोर्ट के मुताबिक,इस बीमारी की चपेट में आने से मो.शमीम की 25 दिन की नवजात पुत्री साम्या,मो.मुन्ना आलम के 18 दिन का नवजात पुत्र मेराज,रंगीला साह का पुत्र युवराज(15 दिन),टिआई मिया के 13 दिवसीय पुत्री बेबी,मो.राजा की पुत्री राज्या(7दिन) की मौत अचानक उक्त बीमारी की चपेट में आने से हो गयी।इस बाबत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शरतचन्द्र शर्मा ने सिविल सर्जन को त्राहिमाम संदेश भेजते हुए इस संवेदनशील घटना को लेकर शिशु विशेषज्ञों की टीम अबिलम्ब भेजने का आग्रह किया गया है।साथ ही एक और मेडिकल टीम गठित कर दिया गया है।साथ ही लोगों को अफवाहों से बचने की सलाह देते हुए इस तरह के घटना की सूचना अबिलम्ब देने का आग्रह किया है।जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही यूनिसेफ व केयर की टीम जुट गई है।( रिपोर्ट:एम.राम/गणेश शंकर )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!