रक्सौल।(vor desk )। सरिसवा नदी प्रदूषण मामले में रक्सौल में एसटीपी और ईटीपी लगाए जाने के संदर्भ में जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, केंद्रीय जल आयोग, नदी संरक्षण निदेशालय के निदेशक अजय कुमार सिन्हा ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा जारी ऑफिस मेमोरेंडम के आलोक में चीफ इंजीनियर, लोअर गंगा बेसिन आर्गेनाईजेशन, पटना का ध्यानाकर्षण कराया है। इसकी जानकारी श्री सिन्हा ने डा. स्वयंभू शलभ को मेल के जरिये दी है।
जारी पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2011 में रक्सौल और वीरगंज से नदी के पानी के नमूने का संग्रहण किया और कोलकाता लैब में जांच करायी। इस मामले को नेपाल सरकार के समक्ष रखने की सिफारिश के साथ बोर्ड ने जांच की रिपोर्ट मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स को सौंपी थी। नेपाल के अंदर इस नदी में औद्योगिक और म्युनिसिपल वेस्ट वाटर डालकर इसे प्रदूषित किया जा रहा है।
उक्त पत्र में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 2011 में तैयार की गई सरिसवा नदी स्टडी रिपोर्ट एवं 2019 में तैयार की गई असेसमेंट रिपोर्ट को भी एनएमसीजी समेत जल शक्ति मंत्रालय को उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया गया है।
विदित है कि डा. शलभ की अपील के आलोक में बीते 22 जुलाई को नमामी गंगे, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय (भारत सरकार) ने ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर रक्सौल में एसटीपी और ईटीपी लगाए जाने की अनुशंसा की थी।