रक्सौल।(vor desk)।रक्सौल नगर परिषद के पीएफएमएस खाते से 2.62करोड़ रुपए अवैध निकासी के प्रयास के मामले में बिहार पुलिस के साइबर क्राइम डिपार्टमेंट के द्वारा मधुबनी के खुटौना से 2दिसंबर को पकड़े जाने के बाद जेल भेजे गए संदिग्ध खाता धारक दीपक कुमार जायसवाल और सन्नी कुमार जायसवाल से पूछ ताछ के आधार पर मिली जानकारी के आधार पर जांच और अग्रतर करवाई शुरू हो गई है।जिससे नगर परिषद के अधिकारियो से कर्मियो और आर्थिक व साइबर अपराध से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।एक ओर इस मामले में 26नवंबर को दर्ज प्राथमिकी संख्या 20/2023 के मुख्य आरोपी आशीष कुमार की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।नगर परिषद में संविदा पर कार्यरत रहे कम्प्यूटर ऑपरेटर आशीष प्राथमिकी दर्ज होने के 17दिनो बाद भी पुलिस पकड़ से बाहर है। उसके भूमिगत होने के बाद उसके नेपाल छुपे होने की आशंका जताई जा रही हैं।सूचना है कि उसके विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी हुई है।इधर, सूत्रों के मुताबिक,कोलकता के खाता धारक टीडी एजेंसी के संचालक के लिए भी छापेमारी होने की सूचना है।किंतु अब तक वो भी पकड़ से बाहर बताया गया है।इस बीच,इस मामले में साइबर क्राइम डिपार्टमेंट की इंचार्ज सह डीएसपी दुर्गा शक्ति और रक्सौल डीएसपी धीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम गुरुवार की दोपहर रक्सौल नगर परिषद पहुंची,जिससे खलबली रही।उन्होंने बंद कमरे में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव से भी पुछ ताछ की और कई बिंदुओं पर जानकारी जुटाई।वहीं, संदेह के घेरे में शामिल विभिन्न नप कर्मियो से भी पुछ ताछ की गई।बताया गया कि इस दौरान उन्होंने कार्यालय के निरीक्षण के साथ ही संबंधित संचिका की जांच और इससे जुड़े कई जानकारी खंगाली।टीम करीब एक घंटे तक रही।उनके आने की सूचना के बाद कई कार्यालय कर्मी गायब हो गए। रक्सौल डी एस पी धीरेंद्र कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए स्वीकार किया गया की मामले में विभिन्न पहलुओं पर बारिक जांच की जा रही है। ईओ समेत अन्य कर्मियो से जरूरी पुछ ताछ की गई है।मिले सुराग पर अग्रतर करवाई की जाएगी।
निगरानी विभाग में लिखित शिकायत पर एक्शन
समाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने निगरानी विभाग के अपर महा निदेशक को आवेदन दे कर पूरे मामले की हाई लेबल जांच कराने की मांग की है। जांच से ई ओ और सभापति पुत्र सह राजद नेता सुरेश यादव को दूर रखने की मांग की है।उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि वर्तमान ईओ अनुभूति श्रीवास्तव रक्सौल नगर परिषद में निगरानी विभाग के करवाई के दायरे में हैं।इससे पहले वे एक साल से ज्यादा निलंबित रहे हैं।ऐसे में उनकी छवि विवादित है।उन्होंने कहा है की विशेष टीम भेज कर वैज्ञानिक एवं सूक्ष्म जांच कराई जाए।उन्होंने लिपापोती की आशंका भी जाहिर की है।कहा है कि जिलाधिकारी को इस मामले की मोनिटरिंग करने और नगर परिषद के फाइलों की गहन जांच कराने की जरूरत है।