रक्सौल।(vor desk)। ‘या देवी सर्वभुतेषु रक्षा रुपेण संस्थिता, नमस्तस्यै- नमस्तस्यै नमो नम:’ के मंत्रोचार और शंखध्वनि के बीच शनिवार को मां दुर्गा का पट खुलते ही पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।सीमावर्ती रक्सौल नगर समेत पूरे अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न स्थान पर महासप्तमी के साथ ही वैदिक मत्रोच्चार के बीच प्रतिमाओं में प्राण- प्रतिष्ठा की गई। जिसके बाद मां दुर्गा का पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया।
भव्य पूजा पंडालों में मां का पट खोले जाने के दौरान शंख-घंटों की ध्वनि सुनकर बड़ी संख्या श्रद्धालु पंडालों में दर्शन पूजन को पहुंचने लगे और मां की आराधना करने लगे।माता रानी का दरबार जयकारों से गूंज उठा।
श्रद्धालु माता रानी की जय, जय माता दी, दुर्गा महारानी की जय आदि जयकारा लगा रहे थे। माता जगदंबा का आवाहन करने लगे। माता का पट खुलने के साथ ही सिसकोहरा, बेल आदि फलों की बलि देकर भोग लगाया गया। इसके पूर्व प्रात:काल से माता के कालरात्रि स्वरूप की पूजा अर्चना की गयी।
दूसरी ओर गांवों में अनेक जगहों पर प्रेतों की पूजा करने के विधान को पारंपरिक विधियों द्वारा करते हुए देखा गया। इस अवसर पर प्रेत पीड़ा से पीड़ित जनों की मुक्ति दिलाने का कार्य भी हुआ।
बता दे कि शुक्रवार को बेल निमंत्रण दिया गया था,जिसके बाद शनिवार को मां दुर्गा की डोली पंडालों तक पहुंची।
शहर के प्रमुख पूजा स्थलों में नागा रोड दुर्गा पूजा समिति, ब्लाक रोड दुर्गा पूजा समिति, कौड़िहार दुर्गा पूजा समिति, मौजे चौक दुर्गा पूजा समिति, नटराज सेवा संगम दुर्गा पूजा समिति,बैंक रोड दुर्गा पूजा समिति,आश्रम रोड दुर्गा पूजा समिति,रामजी चौक दुर्गा पूजा समिति, लक्ष्मीपुर दुर्गा पूजा समिति, कोइरिया टोला दुर्गा पूजा समिति, सुंदरपुर रोड दुर्गा पूजा समिति सहित कई पूजा समितियों द्वारा आयोजित मां अम्बे के इस जुलूस में सैकड़ों महिला, पुरुष, बच्चे एवं युवा के सिर पर माँ दुर्गा लिखी पट्टी एवं युवकों के कंधे पर गमछा शोभा बढ़ा रहा था।इस दौरान जय माता दी के नारे के बीच झांकी भी निकाली गई।
इधर,लक्ष्मीपुर स्थित मां मनोकामना माई मंदिर, मौजे स्थित सातों माई मंदिर,नींबू चौक स्थित माता मंदिर ,बीरगंज के गहवा माई मंदिर सहित सभी माता के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ थी।