Sunday, September 22

नेपाल में मधेशियों ने मनाया काला दिवस,विरोध प्रदर्शन के साथ संविधान की प्रति फूंकी!

मधेशी नेता प्रो0 भाग्यनाथ गुप्ता ने कहा-बुलेट से बना संविधान अमान्य,मधेशी नस्लीय भेद भाव के शिकार

बीरगंज।( vor desk )। नेपाल मे जहां नया संविधान लागू हाने की चौथी वर्षगाठ मनाई जा रही थी, वहीं दूसरी तरफ मधेसी समुदाय ने इस महोत्सव से खुद को परे रखा। इस समुदाय ने संविधान दिवस को काला दिन घोषित करते हुए इसके विरोध में रैली की।संविधान फूंका।

वर्ष 2015 के 20 सितम्बर को संविधान लागू किया गया था।मधेशी मानते हैं कि संविधान बंदूक की नोक पर जारी किया गया।इसके पन्ने मधेशियों के खून से सने हैं।समानता व अधिकार की शांतिपूर्ण आंदोलन में दमन के नाम पर चालीस से ज्यादा मधेशियों ने शहादत दी है।बावजूद नस्लीय भेद भाव आज भी जारी है।नेपाल के वर्तमान कम्युनिष्ट शासन से भी मधेश में असंतोष है।आरोप है ओली सरकार ने भी मधेशियों के वाजिब मांगो को दरकिनार किया है।सरकार का रुख मधेश विरोधी रहा है।

यही कारण है कि नेपाल सरकार की ओर से जब संविधान दिवस मनाया गया और तीन दिन की दीपावली मनाने की घोषणा की गई।बीरगंज समेत मधेश यानी तराई क्षेत्र के विभिन्न जिलों व शहरों में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जन सहभागिता की बजाए सेना,सशस्त्र बल ,पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी व सरकारी कर्मियों की भागीदारी दिखी।तो,मधेश शोक में डूबा दिखा।ब्लैक आउट की घोषणा की गई।काला दिन बताते हुए लगातार चौथे वर्ष भी सड़को पर विरोध जारी रहा।मधेशी जनता ओली सरकार से नाराज दिखी।यह नाराजगी समग्र मधेश एक प्रदेश की मांग को दरकिनार करते हुए नेपाल को सात प्रदेश में बांट कर मधेशी क्षेत्र को टुकड़े टुकड़े करने के कारण भी है।कम्युनिष्ट सरकार में मधेश के मांग व अधिकार को हाशिये पर रखने के विरोध में जिस तरह का माहौल दिखा ,वह,आक्रोश कम विद्रोह के स्वर ज्यादा थे।राजपा नेता देवेन्द्र मिश्रा व ओम प्रकाश सर्राफ मानते हैं कि मधेश अपने अधिकारों के लिए जन विद्रोह से पीछे नही हटेगा।

एक ओर जहां ओली सरकार में मधेश के मसीहा कहे जाने वाले उपेंद्र यादव की संघीय समाजवादी फोरम भी सहभागी हैं।वहीं,इसके अधिकांश कार्यकर्ता संविधान दिवस पर बीरगंज में हुए विरोध प्रदर्शन में काला दिवस मनाते हुए मधेशी शहीदों को श्रद्धांजलि देते दिख रहे थे।गौरतलब है कि उपेंद्र यादव ने अपनी पार्टी का नाम मधेशी जनाधिकार फोरम से संघीय समाजवादी फोरम कर लिया है।

उपेंद्र यादव के साथ मधेश की लड़ाई को व्यापक बनाने वाले मधेशी जनाधिकार फोरम के संस्थापक प्रो0 भाग्य नाथ गुप्ता ने फोरम के नाम के साथ मधेश जोड़ लिया है।उन्होंने शुक्रवार को बीरगंज के घण्टाघर चौक पर संविधान की प्रति फूंकी और ओली सरकार द्वारा मधेशियों को राष्ट्रघाती कहने पर चुनौती देते हुए कहा कि एकल जातीय अहंकार रखने वाली सरकार में हिम्मत है तो गिरफ्तार करके दिखाए।उन्होंने उप प्रधानमंत्री उपेंद्र यादव को गद्दार करार दिया और कहा कि सरकार में शामिल गद्दार मधेशियों के कारण ही मधेश आज हाशिये पर खड़ा है।उन्होंने कहा कि यह संविधान मधेशियों का नही है।उन्होंने कहा कि हमे आत्म निर्णय व स्वायत्तता चाहिए।समावेशी संविधान चाहिए।

इधर,नेपाल में मधेश की बड़ी पार्टी कहे जाने वाली राजपा ने काला दिवस मनाते हुए विशाल विरोध जुलूस निकाला।और कहा कि शहीद मधेशियों की कुर्बानी व्यर्थ नही जाएगी।

इस दौरान बीरगंज के लालबंगला में जमा हाेकर राजपा के नेता तथा कार्यकर्ताओं ने काला पट्टी बाँधकर संविधान दिवस का विराेध किया ।केन्द्रिय नेता रमेश कुर्मी,उपेन्द्र महतो,जगदीश पटेल,कृष्णा पटेल,प्रेमबाबु पटेल, महिला नेतृ रम्भा मिश्रा आदि ने बिरोध जुलूस का नेतृत्व किया । रैली में महिलाओं की सहभागिता उल्लेखनीय थी ।

उसी तरह राष्ट्रीय जन सरोकार मंच ने भी काला दिवस मनाया।मंच के नारायणी अंचल संयोजक नन्द किशोर गोयल के नेतृत्व में घण्टा घर चौक पर काला झंडा के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!