रक्सौल।(vor desk )।चम्पारण में ‘पीएफआई’ के बाद ‘जेएमबी’ मोड्यूल की सक्रियता का खुलासा हुआ है।जेएमबी के टेरर मोड्यूल के सदस्य के रूप में मदरसा टीचर मौलाना मुफ़्ती असगर अली की पहचान हुई है।असगर के इंटरनेशनल कनेक्शन होने के भी संकेत मिले हैं।’यूएपीए’ के तहत गिरफ्तार हुए असगर को एनआईए द्वारा ट्रांजिट रिमांड पर ले कर पूछ ताछ में जुटी है,जिससे कई खुलासों की संभावना है।एनआइए सूत्रों का कहना है कि मौलाना मुफ्ती असगर अली मुस्लिम युवकों को ऑन लाइन माइंड वॉश काम करने का करता था और यह लगातार जिहादी बना रहा था।
इस बाबत पूर्वी चंपारण एसपी डॉ कुमार आशिष ने मीडिया को बताया है कि लखनऊ से एनआईए की टीम आई थी और ढाका से मदरसा के शिक्षक को गिरफ्तार करके ट्रांजिट रिमांड पर लेकर जा रही है। मार्च महीने में यूएपीए के तहत मामला दर्ज हुआ था। जिसमें छह लोगों की गिरफ्तारी पूर्व में है चुकी है। असगर अली की सातवीं गिरफ्तारी है।असगर अली का तार जमात-उल-मुजाहिद्दीन बंगलादेश (जेएमबी) से जुड़ा हुआ है और पीएफआई अथवा फुलवारीशरीफ मामले में इसका कोई भीं लिंक अभी तक सामने नहीं आया है। हालांकि, जांच के बाद नए खुलासों से इंकार नही किया जा सकता।
पटना में पीएफआई के गतिविधियों का खुलासा होने के बाद पूर्वी चंपारण में हुई छापामारी से देश विरोधी बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। मंगलवार को एनआईए की टीम ने पूर्वी चंपारण के ढाका में छापामारी कर मौलाना असगर अली को गिरफ्तार किया था।कहा जा रहा है कि असगर बड़ी मस्जिद में रहकर देश विरोधी गतिविधियों को ऑपरेट करता था।साथ ही स्लीपर सेल तैयार करने के मुहिम में जुटा था।मस्जिद के जिस कमरे में असगर रहता है वह मस्जिद के इमाम मुफ़्ती मौलाना नेसार अहमद के नाम से आवंटित बताया जाता है।
एनआईए की टीम ने मस्जिद के इस कमरे से असगर के लैपटॉप ,बैग और मोबाइल को जब्त किया ,वहीं,रक्सौल के जैतापुर पंचायत के गाद सिसवनिया स्थित घर पर छापेमारी में जब्त पुस्तकें ,दस्तवेज,व डायरी भी जब्त कर अपने साथ ले गई है। असगर के घर मे मिले उर्दू की किताबें को आपत्तिजनक बताया जा रहा है।जिनकी आगे जांच की जाएगी।
बताया गया है कि असगर अली ढाका नगर परिषद के वार्ड 14 केदार नगर स्थित निजी मदरसा जामिया मारिया निशवान मदरसा में पिछले दो सालों से मौलाना के पद पर कार्यरत है।वो पूर्वी चंपारण के पलनवा थाना के गाद सिसवनिया गांव का निवासी है। बताया जाता है कि असगर अली उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पढ़ाई करने के बाद मध्य प्रदेश के भोपाल में मौलाना की पढ़ाई की थी, जहां वह बांग्लादेश के जमात उद मुजाहिद्दीन( जेएमबी ) नामक संस्था के संपर्क में आया।
एनआईए ने असगर से करीब छह घंटे की लंबी पूछताछ में उसके आपत्तिजनक पोस्ट, आपत्तिजनक सामग्री विभिन्न ग्रुपों में शेयर करने आदि के बारे में जानकारी ली। बताया जाता है कि इस दौरान एनआइए ने उसके संपर्क सूत्रों को भी खंगाला है। उसके संपर्क उत्तरप्रदेश के भी कुछ लोगों के होने की बात सामने आई। अभी इसका सत्यापन किया जा रहा है।
इस संस्था की गतिविधि भारत विरोधी होने के कारण सरकार ने संस्था को प्रतिबंधित कर रखा है।
एनआईए के मुताबिक, यह मामला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से संबंधित छह सक्रिय कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से जुड़ा है, जिनमें तीन बांग्लादेशी अवैध अप्रवासी भी शामिल हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जो कि देवबंद में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पढ़ाई कर रहे थे।
क्या है पूरा मामला
बीते 13 मार्च 2022 को एटीएस की टीम ने भोपाल में बड़ी कार्रवाई करते हुए इन 6 आतंकियों को पकड़ा था। ये सभी ऐशबाग थाना क्षेत्र के अहमद अली कॉलोनी की गली नंबर 4 में फातिमा मस्जिद के बगल में रहते थे। इन्हीं आतंकियों से पूछताछ के बाद एनआईए ने देवबंद में एक्शन लिया।उपरांत,मिले इनपुट पर बिहार से असगर को दबोचा गया है।
क्या है जेएमबी:
गौरतलब है कि भोपाल में फजहर अली उर्फ मेहमूद, मोहम्मद अकील उर्फ अहम, जहूरुद्दीन उर्फ इब्राहीम उर्फ मिलान पठान, फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन को पकड़ा गया था। इनके पास से मुस्लिम जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सहित कई संदेहास्पद दस्तवेज बरामद हुए थे। इनका कनेक्शन जमात-ए-मुजाहिद्दीन-बांग्लादेश (जेएमबी) से निकला था। पहले मामले की जांच एटीएस जांच कर रही थी,बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस केश को एनआईए को सौप दिया था।
वर्ष 1998 में स्थापित जेएमबी वही संगठन है जिसने 2005 में बांग्लादेश में 64 जिलों में से 63 जिलों के शहर व कस्बों में 500 बम धमाके किए थे। बड़े स्तर पर नरसंहार में भी यह संगठन शामिल रहा है। तब वहां की खालिदा जिया सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। 2014 में पश्चिम बंगाल में भी इसी संगठन ने वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था और फिर बोधगया में बम ब्लास्ट में यह संगठन शामिल रहा। इसके बाद भारत सरकार ने इस संगठन को 2019 में पांच साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था।यह संगठन वैश्विक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के झंडे तले कार्य कर रहा है।अलकायदा से भी ताल्लुक हैं।