Tuesday, November 5

पीएफआई से तार जुड़ने के बाद रक्सौल के सिसवनियाँ पहुँची एनआइए टीम,मदरसा टीचर के घर पहुंच की जांच-पूछताछ!

( रामगढ़वा थाना में एनआईए व आईबी की टीम)

रक्सौल।( vor desk )।पूर्वी चंपारण जिला से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के ‘कनेक्शन’ सामने आने के बाद जिला के कई इलाके एनआईए व आईबी के’ रेड लिस्ट’ में आ गया पर है।इसमे चकिया व ढाका के बाद रक्सौल का नाम भी शामिल है।’जहां ‘ पीएफआई मोड्यूलरों ‘के कुंडली व कनेक्शन को खंगाला जा रहा है। इस बीच,मंगलवार की शाम में एनआईए व आईबी की टीम अचानक रक्सौल प्रखण्ड के जैतापुर पंचायत के गाद सिसवनिया गावँ पहुंची। इससे क्षेत्र में हड़कम्प मच गया है।रेड के बाद टीम के रामगढ़वा थाना में कैम्प कर अग्रतर करवाई में जुटे होने की सूचना है।

बताया गया कि एनआईए व आईबी की टीम ने रामगढ़वा व पलनवा पुलिस-प्रशासन के सहयोग से मौलाना मुफ़्ती असगर अली के घर पर शाम में रेड करने पहुंची।करीब तीन घण्टे तक यह कार्रवाई चली, जहां,परिजनों से पूछ ताछ व घर के कोने कोने की जांच हुई।घर मे कोई पुरुष सदस्य नही था।दो महिलाएं मौजूद थीं, जिनसे गहन पूछ ताछ हुई।रेड के दौरान घर मे रखी 29 पुस्तकें -कागजात व नोट बुक बरामद हुए,जो असगर की बताई गई है।सूत्रों ने बताया कि सभी पुस्तकें उर्दू में हैं।जिन पर परिजनों से हस्ताक्षर कराने के बाद उसे जब्त कर टीम साथ ले गई।सूत्रों का कहना है कि अली असगर पांच भाईयों में सबसे छोटे हैं।असगर के पिता शेख आलम दिल्ली रहते हैं और वहां राज मिस्त्री का काम करते हैं ।बताया गया कि असगर पिछले दो माह से ऊक्त मदरसे में पढ़ा रहे थे।बकरीद की छुट्टी पर वे घर आये थे और सोमवार को ही वे वापस मदरसा पहुंचे थे।सूत्रों के मुताबिक,इससे पहले वे यूपी के सहारन पुर स्थित एक मदरसा में पढ़ाते थे।

बताया गया कि मंगलवार को पटना से ढाका पहुंची एनआईए की टीम ने पचपकड़ी रोड स्थित जामिया मारिया मिसवा मदरसा से मौलाना मुफ़्ती असगर अली ( मदरसा शिक्षक)को गिरफ्तार किया है।वहीं, दो अन्य लोगों को हिरासत में लेकर थाना पर पहुंची। सूचना है कि वहां लैपटॉप भी जब्त किया गया।बताया गया कि पूछ ताछ के बाद हिरासत में लिए गए दोनो को छोड़ दिया गया।


असगर अली जिला के पलनवा थाना क्षेत्र का रहने वाले हैं।और जामिया मारिया मिसवा, मदरसा में पढ़ाते हैं। वह ढ़ाका बड़ी मस्जिद के नायाब इमाम मो. नेसार के कमरे में रहते थे। मस्जिद के नायाब इमाम ढ़ाका थाना क्षेत्र के जमुआ के रहने वाले हैं।यह मदरसा 2013 से संचालित है।जिसमे केवल लड़कियां पढ़ती हैं।पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या करीब 50 है।

बताया गया कि ढाका थाना में ही एनआईए टीम ने असगर अली से पूछताछ की।जबकि,दो अन्य से अलग अलग पूछ ताछ की। इस दौरान सिकरहना डीएसपी राजेश कुमार समेत कई पुलिस अधिकारी थाना पर मौजूद रहे।सूत्रों ने बताया कि पूछ ताछ के बाद मिले इनपुट पर एनआईए व आईबी की टीम रक्सौल के गाद सिवनिया पहुंची और जांच में जुट गई।टीम कई वाहनों के कारवां में पहुंची थी।हालांकि, स्पष्ट नही हुआ कि गिरफ्तार असगर अली को रेड टीम के साथ घर लाया गया था या नहीं।रेड टीम ने घेराबंदी कर दी थी।रेड टीम में ज्यादातर यूपी नम्बर की गाड़ियां थीं।

*एनआईए इस मामले में कुछ भी बताने से कर रही परहेज

एनआईए के रक्सौल में आने की सूचना मिलने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। सभी इस बात को जानने के लिए बेचैन है कि आखिर एनआईए की टीम किस मामले को लेकर रक्सौल में आई है। वह कहां-कहां पर छापेमारी की और किस-किस को हिरासत में ली है। इन बातों को जानने के लिए लोगों के अंदर उत्सुकता बना हुआ है।हालांकि,एनआईए या पुलिस कुछ भी बताने से इंकार है।
मामले में पूर्वी चंपारण एसपी डॉ. कुमार आशीष ने मीडिया को बताया कि टीम आई है। छापेमारी कर रही हैं। लेकिन क्या क्या हुआ है, उसके बारे में कुछ भी बताने से इंकार किया है। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना के फुलवारी शरीफ से पीएफआई के दो संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद देश की सभी जांच एजेंसियां बिहार के कई अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है। इसी बीच एनआईए की टीम द्वारा मोतिहारी के ढाका थाना क्षेत्र के मदरसा व पलनवा थाना क्षेत्र के गाद सिसवनियाँ में छापेमारी हुई। टीम यह नहीं बता रही है कि किस मामले में छापेमारी कर रही है।

*मिशन इंडिया 2047 व आतंकी कनेक्शन के इनपुट पर कारवाई:

फुलवारीशरीफ में देश विरोधी ताकतों को प्रशिक्षण देने के मामले में दो पीएफआई मॉड्यूलर के पकड़े जा रहे संदिग्ध आतंकियों की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है। इसमें बिहार पुलिस के साथ केंद्रीय एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। इसमें इनके राजनीतिक व आर्थिक कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं। संगठन से जुड़े ऐसे सदस्य जो अलग-अलग चुनाव में खड़े हुए हैं, उनकी जानकारी भी इकट्ठा की जा रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) ने मिशन इंडिया 2047 के नाम से भारत को इस्लामिक देश बनाने की जो साजिश रची थी उसका पूरा माड्यूल आर्थिक और राजनीतिक ताकत पर ही केंद्रित था। मुस्लिम समाज के बीच पैठ बनाने के लिए संगठन से जुड़े सदस्यों को समय-समय पर बड़े-बड़े खाने-पीने के आयोजन, जरूरतमंदों के बीच सामान का वितरण करना आदि का टास्क दिया गया था।कोरोना काल में मदद के बहाने इसकी कोशिश भी हुई। इसके अलावा सरकार को बदनाम करने के लिए लोगों की भीड़ जमा करने में पैसे खर्च किए जाने थे। इन सारे काम के लिए बड़ी फंडिंग की जरूरत थी।

वाया झारखंड बिहार तक पहुंच रहा था फंड

जांच टीम के अनुसार, तुर्की समेत कई इस्लामिक देशों से पीएफआइ समेत भारत विरोधी संगठनों को फंड मुहैया कराया जा रहा था। फंड का बड़ा हिस्सा वाया झारखंड से बिहार पहुंच रहा था।
फुलवारीशरीफ मामले में बिहार, केरल और यूपी समेत कई राज्यों का कनेक्शन जुड़ने के बाद केंद्रीय एजेंसियां भी इससे जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर रही है। फुलवाशरीफ, लखनऊ समेत अलग-अलग शहरों से पकड़े जा रहे संदिग्ध आतंकियों के साथ उनके करीबी स्वजनों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।

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