Wednesday, October 2

निजी क्लिनिक में उपचार के क्रम में गर्भवती महिला की मौत,डॉक्टर -कर्मी फरार!

रक्सौल।( vor desk )। रक्सौल में झोला छाप डॉक्टर व अवैध अस्पतालों को सरकारी संरक्षण मिल रहा है,जिसकी कीमत मरीजो को जान दे कर चुकानी पड़ रही है,लेकिन,स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मोटी कमाई के आगे कुछ नही सूझ रहा।पिछले दिनों दर्जन भर क्लिनिक,निजी अस्पताल व झोला छाप डॉक्टरों के यहां छापेमारी हुई।लेकिन,कार्रवाई शून्य रही।जिन क्लिनिक व अस्पतालों में जांच हुई थी,उसी में से एक मे एक गर्भवती महिला की जान ले ली।

मिली जानकारी के मुताबिक, कौड़िहार चौक स्थित पैरेंट‍्स हेल्थ केयर क्लिनिक में एक गर्भवती महिला की मौत इलाज के दौरान हो गयी।लेकिन, इनसे मोटी रकम कमाने वाले स्वास्थ्य विभाग हरकत में नही आई।

इधर,घटना से परिजन रो रो कर बेहाल हैं,तो, ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं।आक्रोशित समूह क्लिनिक के घेराव को पहुंचा था,लेकिन,क्लिनिक में ताला बंद रहने से बैरन लौट गए।

घटना की शिकार हुई मृतका की पहचान रक्सौल थाना क्षेत्र के नोनियाडिह पंचायत के नोनियाडिह गांव निवासी नीलम देवी के रूप में की गयी है।मृतका नीलम देवी को बुधवार की दोपहर उसके परिजनों ने पेट में दर्द होने की शिकायत पर उक्त क्लिनीक में भर्ती कराया था।

घटना के संबंध में मृतका के पति मनोज पासवान ने बताया कि वे काठमांडू में काम करते थे।घर पर उनकी पत्नी बच्चों के साथ थी।पांच माह की गर्भवती पत्नी के पेट में दर्द होने की शिकायत पर सास रीता देवी, मेरी भाभी सुनिता देवी के साथ इलाज के लिए उसे अस्पताल में ले गए।वहां पर दिन में दो बजे उसे भर्ती कराया गया। इस दौरान करीब 20 हजार रूपये जमा करा कर इलाज पूरे दिन किया गया।रात में अस्पताल के कर्मी ने बताया कि मरीज की तबियत ज्यादा खराब हो गयी है।इसके बाद उसे वे लोग डंकन ले गये।जैसे ही मरीज डंकन अस्पताल के गेट पर पहुंची, अस्पताल के कर्मी भाग गये।इसके बाद जब हमलोग डंकन के इमरजेंसी में गये तो वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।इधर, इस मामले में गुरूवार को पुलिस ने सूचना पर शव नियंत्रण में ले कर पोस्टमॉर्टम कराने के बाद उसका दाह संस्कार कर दिया गया है।

मृतका को पूर्व से तीन बेटी व एक बेटा है।पति मनोज पासवान ने बताया कि दाह संस्कार के बाद वह थाने में इलाज में लापरवाही के कारण हुयी मौत को लेकर अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायेगा।वहीं पूछे जाने पर पीएचसी प्रभारी डॉ एस के सिंह ने बताया कि पूर्व में उक्त क्लिनिक की जांच हुयी थी। जिसका कागज अब तक अप्राप्त है।थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर ने बताया कि आवेदन मिलने पर विधि संवत‍् कार्रवाई की जायेगी।

वहीं क्लिनीक के संचालक डॉ नुर हसन हुसैन ने बताया कि मैं तीन दिनों से रक्सौल में नहीं हूं।यह मामला मेरे क्लिनीक का नहीं है।हालांकि,क्लिनिक पर लटक रहे ताले चीख चीख कर कुछ और ही कहानी कह रहे थे।यह बताने वाला कोई मौजूद नही था,कि, अचानक से क्लिनिक क्यों बन्द है और सभी कहा गायब हैं? वहीं इन सब के बीच गुरूवार को रक्सौल के अलग-अलग जगहों पर संचालित पैरेंट‍्स हेल्थ केयर क्लिनिक में भी ताला लटका रहा।अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करता है।

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