Thursday, October 3

व्यवसायी विवेक वर्णवाल दिल्ली के मेदान्ता हॉस्पिटल रेफर, अपराधियों की गिरफ्तारी नही होने से व्यापारियों में आक्रोश!

रक्सौल।( vor desk)।रक्सौल के रेडीमेड व्यवसायी विवेक कुमार वर्णवाल के साथ हुई लूट पाट व गोली मारने की घटना ने तूल पकड़ लिया है।इस मामले को लेकर रक्सौल व्यापारियों के बीच पुलिस-प्रशासन के प्रति जबरदस्त असंतोष कायम है।जानकारी के मुताबिक,जांच की खानापूर्ति से पुलिस महकमा आगे नही बढ़ सका है।जिससे व्यवसायियों में आक्रोश बढ़ रहा है।इससे पहले भी व्यापारियों के साथ लगातार लूट पाट व हत्या जैसी घटनाएं हुईं है,जिससे व्यापारी सहमे हुए हैं।

इधर,रक्सौल स्थित एसआरपी हॉस्पिटल में गोली लगने के बाद उपचार रत व्यापारी विवेक कुमार वर्णवाल को बेहतर इलाज के लिए बुधवार को वेंटिलेटरयुक्त एम्बुलेंस से गोरखपुर और फिर वहां से दिल्ली भेजा गया है।शाम करीब 8 बजे दिल्ली पहुँचने की सूचना है।

एसआरपी हॉस्पिटल के डायरेक्टर व सर्जन डॉ सुजीत कुमार के मुताबिक,20 मार्च को भर्ती होने के बाद करीब आठ घण्टे के गहन ऑपरेशन के बाद से मरीज स्टेबल पोजिशन में थे।हालांकि, परिजनों के आग्रह पर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक,आईसीयू में विवेक होश में रहे।लेकिन,गोली लगने से पेनक्रियाज के काफी क्षतिग्रस्त हो जाने की वजह से सुधार के बावजूद बेहतर इलाज की जरूरत थी।इसीलिए विवेक को दिल्ली स्थित मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।बताते हैं कि गोली अब भी फंसी हुई है।सूत्रों के मुताबिक,विवेक जीवन व मौत से लगातार जूझ रहे हैं।लेकिन,उम्मीद अब भी कायम है।

इधर,21 मार्च को होश में आने के बाद रक्सौल थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर शशि भूषण ठाकुर के नेतृत्व में पुलिस टीम ने पीड़ित विवेक कुमार वर्णवाल का बयान भी लिया और उस आधार पर जांच पड़ताल व अग्रतर कार्रवाई भी शुरू हुई।

वहीं,घायल होने के बाद उपचाररत विवेक के भाई विकास वर्णवाल के लीखित आवेदन पर दर्पा पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान में जुटी हुई है।

इधर,पीड़ित विवेक के साहस की प्रशंसा हो रही है,क्योंकि,गोली लगने के बावजूद मोटरसाइकिल चला कर कोई चार किलोमीटर भाग कर गम्हरिया पहुंचे ,जहां लोगों से मदद मांगी और गिर कर बेहोश हो गए थे।ग्रामीणों ने उनके इलाज की पहल की।बाद में पुलिस सक्रिय हुई।डंकन हॉस्पिटल से रेफर किये जाने के बाद विवेक को एसआरपी में भर्ती कराया गया।

लेकिन,दूसरा पहलू यह है कि यदि समय पर मदद मिली होती,तो, शायद विवेक की स्थिति ज्यादा खराब नही होती।काफी रक्त गिरने व समय बीतने से स्थिति गम्भीर हो गई।

जहां, तक इस लूट व गोली कांड की बात है,इससे पहले भी ऊक्त एरिया में व्यापारियों के साथ घटनाये लगातार घटित होती रही है।सूत्रों का कहना है कि छौड़ादानों बाजार से ही विवेक का पीछा शुरू हो गया था।बाइक सवार अपराधी दर्जन भर सँख्या में थे।विवेक जब
तिनकोणी व लोहडिया के बीच पसाह नदी क्षेत्र में अपराधियों ने घेर लिया।लूट पाट के दौरान लहना का पैसा,मोबाइल,बाइक का पेपर,आधार कार्ड आदि छीन लिया गया।वहीं,अपराधियों ने सामने से गोली चलाई,जो,विवेक के पेट मे लगी।हालांकि,यह अब भी साफ नही हुआ कि कितनी रकम लूटी गई।लेकिन, मोटी रकम के लूट से इंकार नही किया जा सकता।

बताते हैं कि बाइक सवार अपराधी हमलेट पहने हुए थे।और अत्याधुनिक हथियारों से लैश थे।जबकि,विवेक होली के बाद लहना वसूल कर अकेले बाइक से वापस रक्सौल आ रहे थे।

बता दे कि नागा रोड वार्ड 22 निवासी ओम प्रकाश वर्णवाल के पुत्र विवेक कुमार वर्णवाल( 44 ) की पोस्ट ऑफिस रोड के ताला चौक पर होलसेल रेडीमेड कपड़े की दुकान हैं।उनके साथ हुई घटना के बाद पूर्व मंत्री श्याम बिहारी प्रसाद व क्षेत्रीय विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा आदि ने मुलाकात कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।परन्तु, अब तक अपराधियों की गिरफ्तारी नही होने से व्यापारियों में क्षोभ साफ दिख रहा है।वहीं,पूछे जाने पर थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि आवेदन के आलोक में पुलिस ने ऊक्त व्यवसाई पर हुए जानलेवा हमले का प्राथमिकी दर्ज कर लिया है तथा अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए संदिग्ध स्थलों पर लगातार छापेमारी जारी है ।अपराधी चाहे कोई भी हो या था सिर्फ कानून के कटघरे में होंगे ।बावजूद इस घटना को लेकर व्यवसायियों में सरकार व प्रशासन के प्रति असंतोष व्याप्त है।

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