Saturday, October 5

सरिसवा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीमा क्षेत्र के नागरिकों द्वारा साझा आंदोलन की जरूरत!

रक्सौल।(vor desk )।नेपाल की श्रीसिया व भारत की सरिसवा कही जाने वाली नदी के प्रदूषण मुक्ति के लिए एक बार फिर लोग एकजुट हो रहे हैं और निर्णायक सँघर्ष की तैयारी चल रही है।

नेपाल के सिमरा के रामवन से निकल कर पूर्वी चंपारण के सिकरहना नदी में मिल कर गंगा में विलीन हो जाने वाली इस नदी की प्रदूषण की समस्या से सीमा के दोनो ओर के लाखों लोग परेशान हैं।अनगिनत मौत हो चुकी है।हर बार छठ पर्व पर यह मुद्दा गर्म होता है।फिर,यथा स्थिति बन जाती है।फैक्ट्रियों के उत्सर्जित रसायन से प्रदूषण व अतिक्रमण के कारण इसके अस्तित्व का संकट करीब दो दशक से भी पुराना है।लेकिन,लगातार आंदोलन के बावजूद प्रशासन व सरकार शिथिल पड़ी हुई है।

इसी बीच’श्रीसिया नदी एवं वीरगंज प्रदूषण मुक्त अभियान के द्वारा शुक्रवार को एक वृहद खुला सभा का आयोजन हुआ।शुक्रवार को वीरगंज स्थित घण्टा घर चौक पर आयोजित इस कार्यक्रम में सरिसवा नदी को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया गया।संरक्षित करने की रणनीति बनी। तय हुआ कि इसके लिए सीमा क्षेत्र के दोनो ओर के नागरिक साझा आंदोलन करेंगे।इसको ले कर 10 सूत्री मांग भी बुलंद की गई।अभियान के अध्यक्ष सुरेंद्र कुर्मी(अधिवक्ता ) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।उन्होंने साफ साफ कहा कि कोर्ट से सड़क तक संघर्ष होगा,मिल जुल कर इस अभियान को अंजाम तक पहुचायेंगे।

*रक्सौलवासी हर सँघर्ष में साथ,साझा आंदोलन पर बल:

इस कार्यक्रम में बतौर अथिति ‘सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन( भारत )के अध्यक्ष प्रो0 डॉ0 अनिल कुमार सिन्हा ने कहा कि सरिसवा नदी प्रदूषण मुक्ति के लिए साझा आंदोलन का कोई विकल्प नही है।क्योंकि,यह समस्या नेपाल के फैक्ट्रियों से जुड़ी है।वीरगंज महानगर पालिका भी कूड़े फेंक कर नदी को प्रदुषित करने व नाला में तब्दील करने पर तुली हुई है।इसके विरुद्ध हमारे संसद व विधानसभा तक मे आवाज उठ चुकी है।बॉर्डर पर पांच हजार से ज्यादा लोग उतर कर विरोध जता चुके हैं,जिंसमे सांसद डॉ0 संजय जायसवाल भी शामिल थे।उन्होंने कहा कि नदी तट पर रहने वाले लोग कैंसर,लिवर सिरोसिस जैसे असाध्य व खतरनाक रोगों से तिल तिल कर मर रहे हैं।यदि इस समस्या का समाधान नही हुआ,तो,आने वाली पीढ़ी हमें माफ नही करेगी।

वहीं,रक्सौल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव राज कुमार गुप्ता ने कहा कि नेपाल के उद्योगपतियों को समझना होगा कि नदी प्रदूषण से मानव जीवन व आपसी रिश्ते पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।इसके लिए प्रशासन की जॉइंट बॉर्डर मीटिंग में गम्भीरता से चर्चा की जरूरत है।
मीडिया फ़ॉर बॉर्डर हार्मोनी के सचिव दीपक अग्निरथ ने कहा कि नेपाल की पहाड़ीयों से निकल कर बिहार समेत भारत में प्रवेश करने वाली नदियों के संरक्षण -सम्वर्धन के लिए विशेष नीति व साझा पहल की जरूरत है।तभी बाढ़ व प्रदूषण की समस्या खत्म होगी।नदियां वरदान बन सकेगी।

स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह व सचिव डॉ मुराद आलम ने कहा कि सांझा आंदोलन से दोनों ओर की सरकार पर दवाब बनेगा।यह दवाब इसलिए जरूरी है क्योंकि, इससे जन जीवन संकट में है।नमामि गंगे अभियान को इस प्रदूषण से धक्का लग रहा है।क्योंकि, सरिसवा गंगा नदी में मिलती है।

साहू युवा मंच के अध्यक्ष व पूर्व नगर पार्षद सुरेश कुमार ने कहा कि रक्सौल व वीरगंज के नागरिकों की यह साझी समस्या है।ऐसे में हमे आगे आना ही होगा।

इस कार्यक्रम में वीरगंज उद्योग वाणिज्य संघ के प्रतिनिधि व सक्षम अधिकारी न्योता के बावजूद शरीक नही हुए।इससे उनकी उपेक्षा व रुख साफ दिखा।वहीं,कई प्रमुख लोग ऐसे रहे, जो,अपना सम्बोधन किये और मुद्दों व राय को सुने बिना घसक लिए।हालांकि,शर्म व अफसोस के बीच सँघर्ष के लिए आवाज तेज दिखी।क्योंकि,यह समस्या नेपाल की तरफ से ही है।ऐसे मौके पर सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री स्वच्छता अभियान के प्रदेश सचिव सह प्रदेश दो के मुख्य मंत्री के प्रतिनिधि सलाउद्दीन अंसारी ने कहा कि सरिसवा नदी में जहर बह रहा है।इससे मानव व जानवरों के जीवन पर संकट है।सरकार इस समस्या के निदान के प्रति प्रतिबद्ध है।लेकिन,नेपाल सरकार को इस दिशा में ठोस पहल करने की जरूरत है।


पर्सा जिला के सहायक जिलाधिकारी भीम कांत पौडेल ने कहा कि फैक्ट्री संचालक अपने रवैये में सुधार नही करते तो,जिला प्रशासन नदी प्रदूषण के लिए चिन्हित की गई फैक्ट्रियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी।
वीरगंज उप महा नगरपालिका की डिप्टी मेयर शिला कार्की ने कहा कि छपकैया में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है।हर सम्भव पहल होगी,की सरिसवा निर्मल हो।इसको ले कर कई योजनाओं पर काम चल रहा है।अहम यह है कि फैक्ट्री संचालको व नागरिकों को भी सहयोग करना होगा।

वहीं,समाजिक कार्यकर्ता व विजिट मधेश के संयोजक ओम प्रकाश सर्राफ ने आरोप किया कि सरिसवा नदी प्रदूषण की समस्या के लिए सीधे तौर पर नेपाल का केंद्र व प्रदेश सरकार के साथ वीरगंज महानगर पालिका जिम्मेवार है।उनकी भूमिका टैक्स वसूली व मौज मस्ती का है।इस दिशा में कभी गम्भीर पहल नही की गई।जिस कारण स्थिति भयावह होती जा रही है। उन्होंने कहा कि मित्र राष्ट्र भारत हमे नमक देता है,हम इस नदी के जरिये उसे जहर भेज रहे हैं।जो मैत्री रिश्ते व मानवता के खिलाफ है।इसके विरुद्ध निर्णायक आंदोलन होगा।

नेपाल -भारत खुली सीमा संवाद समूह की अध्यक्ष रम्भा मिश्रा व प्रो0 मोनिका सिंह ने कहा कि इच्छा शक्ति की कमी व ठोस पहल नही होने से नदी प्रदूषित बनी हुई है।नदी के काले व दुर्गंधित जल में महिलाओं को छठ व्रत पर अर्ध्य देना पड़ता है।सब जानने-समझने के बावजूद इस पर चर्चा कर रहे जिस पर शर्म आ रही है।अब चर्चा नही इसका हल होना चाहिए।

समाजिक कार्यकर्ता प्रकाश थारू ने कहा कि सरिसवा नदी की समस्या समाधान के लिए सरिसवा नदी में हमें घुसना होगा।तभी सरिसवा की पीड़ा खत्म होगी।

कार्यक्रम में स्वागत बृजेश चौधरी,मंच संचालन लालबाबू सिंह किंग व धन्यवाद ज्ञापन राम राज्य यादव ने किया।जबकी,पर्सा जिला के डीएसपी प्रह्लाद कार्की, इंस्पेक्टर दीपक गौतम,बिर्ता पुलिस चौकी के इंचार्ज राजेश पूरी समेत रेखा घिमिरे,प्रकाश थारू,बाबू राम कौशिक,दीपेंद्र सिंह पटेल,कमल चौलागाई,जंगाली राउत,अनिरुद्ध कलवार,ब्रह्मदेव कुर्मी,अवध कुशवाहा आदि ने भी सम्बोधन किया।

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