रक्सौल।( vor desk)।एक ओर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने ट्वीट कर घोषणा की कि रक्सौल नगर शत प्रतिशत टिकाकरण वाला सूबे का पहला नगर निकाय बन गया है,वहीं,दूसरी ओर दो दिनों से जिले में अलग व अनूठे पहचान वाले नगर के आदर्श केंद्र पर टिकाकरण बन्द है।जिसको ले कर सवाल उठने लगे हैं,क्योंकि,इसे निरंतरता दिये जाने का आश्वासन दिया गया था।यही नही मंगलवार को एक ओर जहां टिकाकरण का कार्य जारी रहा और सैकड़ों लोगों को टिका लगाया गया,तो,इस केंद्र पर टिका बन्द होने का मामला और गर्म हो गया।
बता दे कि रक्सौल नगर के मुख्य पथ स्थित रूप बहार कैम्पस में हाथों हाथ प्रिंटेड सर्टिफिकेट व व्हील चेयर जैसी सुविधाओ के साथ स्थापित किया गया आदर्श टिकाकरण केंद्र 4 जुलाई के बाद से बन्द हो गया है।यहां पहुंचने वाले लोग निराश लौट रहे हैं,क्योंकि,7 जुलाई तक चलने वाले टिकाकरण महाअभियान को 4 जुलाई के विशेष महा अभियान चला कर बन्द कर दिया था।शत प्रतिशत टिका वाले नगर निकाय में 4 जुलाई की रात को रक्सौल पीएचसी द्वारा जारी होने वाली सूचना भी सार्वजनिक नहीं की गई।इस कारण 5 जुलाई को टिकाकरण बन्द रहा।उसी तरह 5 जुलाई की रात में विभाग की ओर से जारी होने वाली सूचना भी नही आई,तो असमंजस बन गया।फिर अचानक से मंगलवार को नगर के 25 में 10 वार्ड में टिकाकरण अभियान चलाया गया और इसमे सैकड़ों लोगों को टिका लगा।इसमे दो केंद्र नगर परिषद की उप सभापति रोहिणी साह व एक पूर्व उप सभापति काशी नाथ प्रसाद के देखरेख में उनके वार्ड में लगा था।
इधर,दिन भर इसकी माइक पर सूचना सार्वजनिक करने के बजाए प्रचार वाहन से यह उद्घोषणा होती रही कि नगर परिषद क्षेत्र के वैसे लोग,जो टिका से वंचित रह गए हैं,वे पीएचसी में पहुंच कर टिका ले सकते हैं।
इधर,यह आदर्श टिकाकरण केंद्र अब साढ़, गाय का अड्डा बन गया है,जिस पर बसपा के प्रदेश सचिव चन्द्र किशोर पाल ने व्यग्य कसा है कि शत प्रतिशत टिका वाले नगर में नागरिकों के बाद गाय व साढ़ का नम्बर है..टिका के लिए पहुंचने वाले लोगों के लिए कोई व्यवस्था नही है,जबकि यह आदर्श टिकाकरण केंद्र है और किस लिए आदर्श है,इस पर लोगों के बीच असमंजस है।क्योंकि इसे बन्द करने या टिकाकरण रोकने से पहले सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी।
इधर इस पूरे प्रकरण पर दुःखी भारत विकास परिषद के मीडिया प्रभारी रजनिश प्रियदर्शी ने रक्सौल प्रशासन से इसे सुचारू कराने की मांग रखी है।टिकाकरण महा अभियान के व्हाट्सएप ग्रुप में उन्होने टीकाकरण केंद्र की व्यथा प्रस्तुत करते हुए कई सवाल उठाए और पर्याप्त रूप से वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग की है।उन्होंने कहा है कि यह केंद्र बीच शहर में है जो दो दिनों से बन्द पड़ा हुआ है।इसका बन्द होना नाइंसाफी लग रहा है क्योंकि, शहरवासियो के साथ ही इस केंद्र का उद्देश्य फुटकर विक्रेता,ठेला रिक्शा चालक आदि को टिका लगाना था,ताकि कोई टिका से वंचित न रहे।लेकिन,अब ऐसे में इसे बन्द कर देने के अलावे और कोई रास्ता नहीं।
इधर,इस मामले को ले कर पूछने पर रक्सौल में टिकाकरण की मॉनिटरिंग में जुटे कार्यपालक दण्डाधिकारी सन्तोष कुमार सिंह ने बताया कि 8 जुलाई को वैक्सीन उपलब्ध हो सकता है।वैक्सीन के उपलब्ध होने के साथ ही इसे सुचारू रूप से चलाने की पहल होगी।क्योंकि,इससे शहरवासियो को टिका लेने में सुविधा होगी।बता दे कि एसडीओ आरती ने 3 जुलाई को इसका उद्घाटन किया था।जिसके बाद दो दिनों में करीब 300 लोगों को इस केंद्र पर टिका लगाया गया था।
इस टिकाकरण केंद्र की व्यवस्था भारत विकास परिषद,सीमा जागरण मंच,बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन, मारवाड़ी महिला सम्मेलन और मारवाड़ी युवा मंच के जिम्मे था।परिषद के सदस्यों का कहना है कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की सहमति से ही यह केंद्र बना जिस पर करीब 65 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं।जब दो दिनों में बन्द करने की नौबत आनी थी,तो वाटर प्रूफ बनाने और ताम झाम करने की क्या जरूरत थी।वैसे भले ही स्वास्थ्य विभाग इस पर चुप्पी साधे हुए है,लेकिन रक्सौल प्रशासन सकरात्मक दिख रही है,जिसमें सारा खेल वैक्सीन डोज पर ही टिका हुआ है। वार्ड संख्या 12 में मंगलवार को हुए टिकाकरण में सक्रिय रहने के क्रम में रजनीश प्रियदर्शी ने बन्द पड़े उक्त आदर्श टिकाकरण केंद्र के लिए सीधा सीधी कम से कम 2000 डोज की मांग की है।वैसे सवाल तो यह भी उठ रहा है कि शत प्रतिशत टिकाकरण के बाद आखिर केसीटीसी टिकाकरण केंद्र व आदर्श टिकाकरण केंद्र को बन्द कर मंगलवार को बिना सूचना सार्वजनिक किए इस तरह से टीकाकरण की क्या जरूरत पड़ी?