रक्सौल।( vor desk )।नेपाली फोर्स द्वारा भारतीय मजदूरों -कामगारों को घण्टों रोक कर पिटाई व गाली गलौज के बाद स्थिति भड़क गई।बार बार इस तरह की घटना से आक्रोशित समूह ने सोमवार की सुबह विरोध -प्रदर्शन व नारेबाजी की।केपी ओली सरकार व पुलिस -प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई।नेपाली वाहनों को वापस नेपाल लौटाने की कोशिश की गई।घण्टों आयात निर्यात बन्द रहा।हालात बेकाबू होने से पहले ही एसएसबी व पुलिस समेत इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने पहुंच कर मामला शांत कराया।नेपाल के पर्सा जिला के डीएसपी प्रह्लाद कार्की ने आश्वासन दिया कि भारतीय नागरिकों के साथ दुर्व्यहार की घटना नही होने दी जाएगी।आर्म्ड पुलिस फोर्स के इंस्पेक्टर स्वर्ण बम ने कहा कि नेपाल बॉर्डर कैबिनेट के फैसले पर बन्द है,केवल भारत से लौटने वाले नेपाली नागरिकों के प्रवेश की ही अनुमति है।इस पूरे मामले से उच्चाधिकरियो को अवगत करा दिया गया है,उनके निर्देश की प्रतीक्षा है।
इधर, भारतीय कामगारों से मारपिट व अभद्रतापूर्ण हरकतों को ले कर रक्सौल एसडीओ सुश्री आरती गम्भीर दिखीं।उन्होंने वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना देते हुए भारतीय महावाणिज्य दुतावास के अधिकारी के साथ बैठक कर नेपाल के रवैये पर कड़ा एतराज जताया।उन्होंने कहा कि -नेपाल भारतीय नागरिकों को प्रवेश भले ही न दे,लेकिन, मारपीट व दुर्व्यवहार नही करे!
बता दे कि आक्रोशित भारतीय नागरिकों का गुस्सा इसलिए था कि भारत की सीमा खुली हुई है।जबकि,24 मार्च 2020 से ही कोविड संक्रमण को ले कर नेपाल का बॉर्डर बन्द है।बीच मे कुछ ढील दी गई थी।दुसरी लहर को देखते हुए फिर से कड़ाई की गई।लेकिन,दोनो ओर संक्रमण दर कम होने पर थोड़ी बहुत आवाजाही शुरू हुई है,लेकिन, नेपाली प्रशासन की सख्ती भी होती रहती है।ऐसे में भारतीय नागरिक आये दिन इसका शिकार बनते हैं।जबकि, नेपाली नागरिक व वाहन बेधडक रक्सौल समेत भारतीय सीमा क्षेत्र में आता जाता रहा है।जबकि, नेपाल के नियमो के तहत भारत में फंसे नेपाली नागरिको के अलावे किसी भी विदेशी को नेपाल प्रवेश की अनुमति नही है।हालांकि,दोनो देशों के बीच फ्लाइट सेवा सुचारू हुई है।ट्रेड बन्द नही है।भारत मित्र व पड़ोसी राष्ट्र है,बावजूद,नेपाली सुरक्षाकर्मी बदले तेवर में दिख रहे हैं।इसी कारण आये दिन तनाव उतपन्न हो रहे हैं।
रविवार की शाम को कुछ भारतीय मजदूरों को नेपाली सुरक्षाकर्मियों ने इनरवा पुलिस चौकी एरिया में रोक लिया और पहचान पत्र की मांग की।पीड़ित मजदूरों का आरोप है कि गाली गलौज व मारपिट भी की गई।इसी के बाद तनाव उतपन्न हो गया।देर शाम की घटना के बाद आक्रोशीत मजदूर भड़क गए और घण्टों विरोध प्रदर्शन किया।किसी तरह पुलिस व एसएसबी ने समझा दिया।जब सोमवार की सुबह भी भारतीय नागरिकों के साथ रोक टोक व मैत्री पुल पर नेपाली सुरक्षाकर्मियों द्वारा लाठी चार्ज हुई,तो बवाल बढ़ गया।आरोप लगा कि नेपाली पुलिस ने लाठियां भी चटकाई,साइकल तोड़े और टायर के हवा खोलने के साथ गाली गलौज की। इस पर जम कर विरोध प्रदर्शन के साथ रक्सौल-वीरगंज मैत्री पुल को अवरुध्द कर दिया गया।इसमे ज्यादातर रक्सौल व आस पास इलाके के दैनिक मजदूर व कामगार थे,जिनकी रोजी रोटी नेपाल से जुड़ी हुई है।
प्रदर्शनकारियो का कहना था कि बॉर्डर को पूरी तरह बन्द किया जाए,या भारतीय नागरिकों के लिए भी खोला जाए।क्योंकि, नेपाली नागरिक व नेपाल के वाहन बेधडक आ जा रहे हैं।भारतीय नागरिकों को रोक कर परेशान किया जा रहा है।जब भारतीय नागरिकों को इन्ट्री नही मिलेगी,तो,नेपाल के लोगों व वाहनों को भी नही आने दिया जाएगा।स्थानीय आलोक श्रीवास्तव,मोनू स्वामी,विष्णु गुप्ता, आदि ने कहा कि भारत सरकार को नेपाल से गम्भीरता पूर्वक बात करनी चाहिए।
पर्सा जिला के परवानीपुर में काम करने वाले स्थानीय धुरेन्द्र यादव ,बीरगंज के बीपीसी में काम करने वाले मुस्तकीम दफ्तरी आदि समेत स्थानीय राजेश गुप्ता,राजेश्वर साह आदि ने आरोप लगाया कि उनके पास अपने अपने संस्थान का आई कार्ड है,उसी आधार पर आते जाते हैं।लेकिन,हमे जांच के नाम पर रोक कर दुर्व्यवहार किया जाता है।साइकल की हवा खोल दी जाती है।मारपीट व गाली गलौज की जाती है।यही नही वे सीधी मुंह बात करने की बजाय यह कहते हैं कि तुम सब भारतीय कोरोना फैलाने आते हो….!
स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह पुलिस व एसएसबी के साथ मामले को शांत कराते दिखे।उन्होंने सवाल किया कि जब मालवाहक ट्रक व उनके ड्राइबरो के आने जाने से कोरोना नही फैलता, तो गरीब मजदूरों से कैसे कोरोना फैल रहा है?नेपाली नागरिको व वाहनों को नेपाल भारत मे क्यो आने दे रहा है?उन्होंने आरोप किया कि नेपाल सरकार चीन के इशारे पर नाच रही है,इसलिए सीमा क्षेत्र में आपसी रिश्ते को खराब करने और भारतीय नागरिकों को तंग कर दूरी बनाने की रणनीति अख्तियार की हुई है,लेकिन, ऐसा नही होगा।उन्होंने कहा कि नेपाल बॉर्डर बन्द रहने से नेपाली नागरिक भी परेशान हैं,इसलिए उनकी भी मांग है कि बॉर्डर को खोल दिया जाए।वे हमारे साथ हैं।
इधर,उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद माहौल गर्म हो गया।वहीं,सूचना मिलते ही एसएसबी 47 वी बटालियन के डिप्टी कमांडेंट मनोज कुमार ,इंस्पेक्टर राजकुमार,रमेश यादव,हरैया थानाध्यक्ष गौतम कुमार समेत इमिग्रेशन के अधिकारियों ने पहुंच कर काफी समझा बुझा कर मामले को शांत कराया और आश्वासन दिया कि घटना की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को दे दी गई है। नेपाली प्रशासन से बात चीत कर समस्या का समाधान कराया जाएगा।
इस बीच मैत्री पूल पर हुए विवाद को लेकर सोमवार की दोपहर अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय कक्ष में भारतीय महा वाणिज्य दूतावास के कौंसुल शैलेंद्र कुमार के साथ अनुमंडल पदाधिकारी सुश्री आरती, डीएसपी सागर कुमार झा, रक्सौल के कार्यपालक दंडाधिकारी सन्तोष कुमार सिंह की उपस्थिति में एक बैठक हुई।जिसमे भारतीय नागरिकों के साथ मारपीट को लेकर एतराज जताया गया।इस दौरान जन स्तर व मैत्री रिश्ते का ख्याल करते लोकल लोगों के आवागमन व साइकल ,बाइक आदि वाहनों को इन्ट्री की मांग की गई।एसडीओ आरती ने कहा कि हमारी अपेक्षा है कि भारतीय नागरिकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो।बैठक में तय हुआ कि शिघ्र ही दोनो ओर के अधिकारियों के साथ इंडो-नेपाल बॉर्डर मीटिंग हो और इस इश्यू का निराकरण हो,ताकि,सौहार्द अक्षुण्ण रहे।इसके लिए प्रदेश दो के सीएम समेत पर्सा जिला के पुलिस- प्रशासन के अधिकारियों के साथ वार्ता होगी।