रक्सौल।(vor desk )। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की रक्सौल नगर इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के 158 वी पुण्यतिथि उनके तैलचित्र के समक्ष पुष्पांजलि कर एवम दीप प्रज्जवलित कर मनाया गया। उपस्थित नगर मंत्री सूरज सराफ ने बताया की स्वामी विवेकानंद एक हिंदू भिक्षु थे और भारत के सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेताओं में से एक थे. वे एक विपुल विचारक, महान वक्ता और भावुक देशभक्त थे। वही संगठन के प्रांत सह SFD प्रमुख प्रशांत कुमार ने बताया कि वह हिंदू अध्यात्मवाद के पुनरुद्धार किया और विश्व मंच पर हिंदू धर्म को एक सम्मानित धर्म के रूप में स्थापित किया. सार्वभौमिक भाईचारे और आत्म-जागरूकता का उनका संदेश विशेष रूप से दुनिया भर में व्यापक राजनीतिक उथल-पुथल की वर्तमान पृष्ठभूमि में प्रासंगिक बना हुआ है। नगर सह मंत्री सुभाष कुमार एवम प्रभात कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि स्वामी विवेकानंद और उनकी शिक्षाएं कई लोगों के लिए प्रेरणा रही हैं, और उनके शब्द विशेष रूप से देश के युवाओं के लिए आत्म-सुधार का लक्ष्य बन गए हैं। परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सूरज कुमार ने बताया कि कलकत्ता में एक संपन्न बंगाली परिवार में जन्मे नरेंद्रनाथ दत्ता विवेकानंद विश्वनाथ दत्ता और भुवनेश्वरी देवी के आठ बच्चों में से एक थे. उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को मकर संक्रांति के दिन हुआ था। स्वामी विकानंद बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। स्नातक की डिग्री प्राप्त करते करते उन्होंने विभिन्न विषयों का व्यापक ज्ञान प्राप्त कर लिया था। वो भारत भर में भ्रमण करते और ज्ञान अर्जित करते थे।