Sunday, November 24

रक्सौल नप की मुख्य पार्षद उषा देवी की कुर्सी छिनी,अब नए मुख्य पार्षद के लिए होगी चुनाव की कवायद!


* चर्चा व बहस में कुल 25 में मुख्य व उपमुख्य पार्षद सहित 24 पार्षदों ने लिया हिस्सा,बीच मे ही वॉक आउट कर चली गई मुख्य पार्षद

*अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 21 तो विपक्ष में पड़े 1 मत, 1 पार्षद रही अनुपस्थित”

रक्सौल (vor desk)।रक्सौल नगर परिषद में’ खेला होबे’ एपिसोड का पटाक्षेप हो गया।और मामला ‘परिवर्तन होबे’ की बढ़ गया।
अविश्वास प्रस्ताव में मुख्य पार्षद( सभापति ) की कुर्सी बहुमत से छीन गई।मात्र एक पार्षद ने ही उनके समर्थन में मत दिया।इस परिदृष्य के बीच मुख्य पार्षद उषा देवी सदन को बीच मे ही छोड़ कर निकल गई।इस वाक्ये को ‘बड़े बे -आबरू हो तेरे कूचे से निकले हम’ वाले मुहावरे से जोड़ कर देखा गया!

कुछ यूं हुई अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा:कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को नगर परिषद कार्यालय के सभागार में मुख्य पार्षद उषा देवी के विरुद्ध लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा व बहस के बाद हुए मतविभाजन में आखिरकार कुर्सी छीन ही गई।
उपमुख्य पार्षद रोहिणी साह की अध्यक्षता में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा व बहस को लेकर आहूत विशेष बैठक अपने निर्धारित समय पर आरंभ हुई।

बैठक की कार्यवाही आरंभ होते ही सर्वप्रथम नगर पार्षद काशी नाथ प्रसाद एवं म0 अब्बास ने मुख्य पार्षद पर अविश्वास प्रस्ताव में लगाये गये आरोप पर उनसे जबाब देने की मांग की। इसी बीच मुख्य पार्षद ने बैठक की उपस्थिति पंजी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और फिर सदन से वाकआउट कर गयी।इस दौरान उन्होंने उप सभापति को एक पत्र सौंपते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव नियम सम्मत नही है,इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए।बैठक रद्द होनी चाहिए।

बाद में पार्षद रवि गुप्ता समेत विपक्ष के सभी 22पार्षदों ने बैठक की अध्यक्षता कर रही उपमुख्य पार्षद रोहिणी साह से मत विभाजन कराने की मांग की।
पार्षदों की मांग को देखते हुए मतविभाजन कराया गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठक में उपस्थित कुल 22 पार्षदों ने मतदान में हिस्सा लिया।


इसकी पुष्टि ईओ गौतम आनंद ने करते हुए बताया कि मतदान में मुख्य पार्षद, उपमुख्य पार्षद और एक अनुपस्थिति पार्षद को 22 पार्षदों ने हिस्सा लिया। जिसमें प्रस्ताव के पक्ष में 21 एवं विपक्ष में 1 मत पड़े है। इसके बाद उन्होंने मुख्य पार्षद की कुर्सी विधवत छीन जाने की घोषणा की।

मतदान में इन पार्षदों ने लिया हिस्सा: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद हुए मतविभाजन में कुल 22 पार्षदों ने हिस्सा लिया है।
इनमें विश्वनाथ प्रसाद, सुभाष चन्द्र सिंह, अर्चना देवी, जितेन्द्र कुमार दत्ता, घनश्याम प्रसाद, चीनी राम, हसीना खातुन, कुंदन कुमार सिंह, रवि कुमार गुप्ता, चंदा देवी, काशीनाथ प्रसाद, राजकिशोर प्रसाद, म0 अब्बास, अमूल नेशा, खुशबू देवी, सत्यम कुमार श्रीवास्तव, उषा देवी, गायत्री देवी, सुगंधी देवी, प्रेमचंद्र कुशवाहा, जयमंती देवी एवं पन्ना देवी आदि शामिल है।

एक पार्षद रही अनुपस्थित:
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा व बहस को लेकर आहूत विशेष बैठक में एक पार्षद अनुपस्थित रही।
इनमें वार्ड नंबर की पार्षद रीता देवी शामिल है।

23 जून को लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव:पिछले 23 जून को 14 पार्षदों ने ईओ को एक संयुक्त हस्ताक्षरित लिखित आवेदन देकर मुख्य पार्षद उषा देवी पर नप क्षेत्र के विकास कार्यो में बाधा डालने, विपक्षी पार्षदों के साथ सौतेला व्यवहार करने , नप के राजस्व को बढ़ाने के लिए विभिन्न करों में वृद्धि नहीं करने एवं सदन में विश्वास खोने सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाया था।महम्मद अब्बास ने नालों की उड़ाही नही होने व जल जमाव की समस्या से नगर वासियों के आक्रांत होने का आरोप लगाया।तो रवि गुप्ता ने आरोप किया कि कार्यालय भवन में 10 बोरा ब्लीचिंग पाउडर रखे रखे खराब हो गया,लेकिन,मांगने पर नही दिया गया।अपने लोगों को वे फायदा पहुंचाती रही,मनमानी की गई।

एक ओर अविश्वास प्रस्ताव में कुर्सी छीनी, दूसरी ओर कार्रवाई की प्रक्रिया बढ़ी:एक ओर मुख्य पार्षद की कुर्सी छीन गई।तो,दूसरी ओर बूचड़खाने की जमीन खरीद व शेड बनाने के मामले में वितीय अनियमितता व घोटाले के मामले में कार्रवाई की गाज गिरी।बता दे कि डीएम कपिल शीर्षत अशोक ने इस मामले की जांच के लिए कमिटी गठित की थी।जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।रक्सौल नगर परिषद की मुख्य पार्षद को पदच्युत करने के साथ एफआईआर दर्ज करने का नगर विकास विभाग को डीएम ने अनुशंसा की है। वहीं नगर परिषद के वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनन्द और तत्कालीन अवर निबंधक के निलंबन सहित विभागीय कार्रवाई का भी निर्देश जारी किया गया है।

बता दे कि उप मुख्य पार्षद( उप सभापति )काशी नाथ प्रसाद को कुर्सी से हटाए जाने के बाद ही सियासत गर्म हो गई थी।अब उषा देवी की कुर्सी छीन जाने के बाद पार्षद चंदा देवी समेत अन्य पार्षदों ने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है।रक्सौल नगर परिषद को अब बदहाली से मुक्ति मिल सकेगी।

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