Saturday, September 21

वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे:एस आर डेंटल हॉस्पिटल द्वारा रक्सौल के शीतलपुर में फ्री हेल्थ कैम्प आयोजित!

*रक्सौल के शीतल पुर स्थित जेवीएम इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित हुआ शिविर,स्कूली बच्चों की भी हुई जांच

रक्सौल।( vor desk )।बर्ल्ड ओरल हेल्थ डे के अवसर पर रक्सौल के कोइरिया टोला स्थित एसआर डेंटल हॉस्पिटल के द्वारा प्रखण्ड के शीतलपुर में फ्री हेल्थ कैम्प सह जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

इस शिविर में करीब 300 लोगों के मुंह व दाँत के रोगों की जांच की गई।साथ ही उचित सलाह के साथ जरूरतमंदों को आवश्यक दवा का निःशुल्क वितरण भी किया गया।

शिविर का आयोजन प्रखण्ड के शीतलपुर स्थित जेवीएम इंटरनेशनल स्कूल में किया गया था।जहां ग्रामीणों की भी जांच की गई।साथ ही स्कूली बच्चों की जांच के साथ उन्हें जागरूक किया गया।

शिविर का नेतृत्व एसआर डेंटल हॉस्पिटल की संचालिका डॉ0 मोनिका के साथ ही डेंटिस्ट डॉ0 अतुल ने किया।उन्होंने अत्याधुनिक उपकरणों से जांच व उपचार के साथ उचित परामर्श दिया।

डॉ0 मोनिका ने इस दौरान बताया कि प्रत्येक शनिवार को इस शिविर को विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि हमारे हॉस्पिटल में अत्याधुनिक उपकरणों से इलाज की सुविधा है,जिसमे लेजर द्वारा दांतो की फिलिंग, डेंटल एक्सरे की सुविधा आदि मौजुद है ।हमारा फोकस ग्रामीण क्षेत्रों पर है।जहां उचित इलाज की सुविधा नही मिल पाती।

जागरूकता अभियान:
डॉ0 मोनिका व डॉ0 अतुल के द्वारा शिविर में बताया गया कि रात को सोने से पहले ब्रश करने और जीभ को साफ करने से अगली सुबह सांस की दुर्गंध में कमी लायी जा सकती है।लेकिन मुंह के बैक्टीरिया रात को जब बंद जगह में नमी पाते हैं तो तेजी से अपनी संख्या बढ़ाते हुए 600 से भी ज्यादा तरह के कंपाउंड बनाते हैं।

कई लोग माउथवॉश का भी इस्तेमाल करते हैं।असल में माउथवॉश में पाये जाने वाले जाइलिटॉल, ट्रिकलोजान और इसेंशियल ऑयल जैसे पदार्थ बैक्टीरिया को पसंद नहीं आते। लेकिन सच यह है कि थोड़े ही समय बाद यह भी बैक्टीरिया पर बेअसर हो जाते हैं। इसलिए सुबह मुंह से ऐसी गंध आना आम बात है और इसके लिए बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं।लेकिन अगर बदबू बहुत तेज हो तो जरूर डॉक्टर के पास जाना चाहिये क्योंकि यह हेलीटोसिस की स्थिति हो सकती है। दांतों में कैविटी, मसूडों में सड़न और टॉन्सिल होने पर भी दुर्गंध बढ़ जाती है।

मुहं व दांत को स्वच्छ रखना जरूरी है।अन्यथा जानलेवा बीमारी कैंसर व हार्ट अटैक की भी समस्या आ सकती है।इससे बचाव के लिए दांतो की सफाई के साथ मसूढ़ों की देख भाल जरूरी है।

उन्होंने स्कूली बच्चों व ग्रामीणों को जागरूक करते हुए बताया कि दांतो को ठीक तरीके से नही धोने या ज्यादा धोने से भी मुश्किलें खड़ी हो जाती है।इसलिए ब्रश करने का सही तरीका मालूम होना चाहिए।बहुत लोगों को सही तरीका मालूम नही होने से भी रोगों से रूबरू होना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!