Sunday, September 29

गर्भवती महिलाओं की जांच में कोविड प्रोटोकॉल का जम कर उल्लंघन,पौने एक बजे ही चली गई गाइनी डॉक्टर!

रक्सौल।(vor desk )।कोविड  के
नए वेरिएंट एक्स बी बी 1.16 के फैलते संक्रमण के बीच सोमवार को रक्सौल स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत आयोजित शिविर में कोविड प्रोटोकॉल के प्रति लापरवाही दिखी।शिविर में कुल 70 गर्भवती महिलाओ की जांच हुई।देश के नौनिहालों को पेट मे पाल रही गर्भवती महिलाओं की जांच में न केवल सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी,बल्कि, मास्क पहनने और हैंड सैनिताइज की व्यवस्था भी नही दिखी। गर्मी के बीच न तो पंखे की उचित व्यवस्था दिखी न पेयजल की।यही नही इस शिविर में डॉक्टर रिजवाना खुर्शीद और प्रिया साह दो दो महिला डॉक्टर को लगाया गया था।

सूत्रों और कतार बद्ध गर्भ वति महिलाओ का आरोप था कि पौने एक बजे ही गाइनी रिजवाना खुर्शीद गर्भावति  महिलाओ की भिड़ के बावजूद ओपीडी से चली गईं।सूत्रों के मुताबिक,ओपीडी में दो बजे तक रहना है,जबकि,शिविर में मरीज रहने तक की ड्यूटी थी।

बताते हैं कि डॉक्टर हिमांशु शेखर मरीजों की भीड़ के बीच ओपीडी में सक्रिय रहे।जिससे ए एन सी जांच की इस पूरी व्यवस्था का दारोमदार डॉक्टर प्रिया समेत जीएनएम व एएनएम के भरोसे रही।हालाकि,अस्पताल के उपाधीक्षक सह पीएचसी प्रभारी  डॉ राजीव रंजन व स्वास्थ्य प्रबन्धक आशिष कुमार के निरीक्षण के बाद गर्भवती महिलाओं की ठेलम ठेल भीड़ को व्यवस्थित करने व हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई।

लेकिन,उनके जाते ही स्थिति फिर से प्रतिकुल हो गई। शिविर के हॉल में पसीने से तर बतर  सैकड़ो गर्भवती महिलाएं अपनी बारी के इंतजार में भेड़ बकरियों की तरह एक दूसरे पर चढ़ी दिखीं।वहीं,केंद्र के गार्ड मूकदर्शक दिखे।इधर,कैल्शियम जैसी जरूरी दवा उपलब्ध नही रहने से गर्भवती महिलाएं बाजार में दवा खरीद को विवश दिखी।
(रिपोर्ट/पीके गुप्ता)

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