Friday, September 27

रक्षाबंधन पर भारत विकास परिषद ने वृक्षों को रक्षासूत्र बाँध कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश!

रक्सौल।(vor desk)। रक्षाबंधन के अवसर पर भारत विकास परिषद शाखा रक्सौल के तत्वावधान में रक्सौल रेलवे पार्क में लगे वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर उनके संरक्षण एवं रक्षा का संकल्प लेकर रक्षाबंधन उत्सव समारोहपूर्वक मनाया गया। बता दे कि परिषद द्वारा वर्ष 2019 से ही रेलवे पार्क को हरा-भरा करने का जिम्मा लेकर इसका क्लेवर ही बदल दिया गया है। आज यह रेलवे पार्क न केवल रक्सौलवासियों बल्कि रक्सौल आने जाने वाले यात्रियों एवं पर्यटक के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बन गया है।

इस मौके पर रक्सौल स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह परिषद के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह, संरक्षक अवधेश सिंह, योगेन्द्र प्रसाद, मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी, उमेश सिकारिया, सुनील कुमार, विजय कुमार साह, नीतेश कुमार, अजय कुमार, प्रशांत कुमार, मनोज सिंह, दिनेश प्रसाद, अरविंद जायसवाल, सुरेश धानोठिया, समाजसेविका पूर्णिमा भारती, राजेश मस्करा सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाध्यापक रमेश कुमार पाण्डेय व शिशु मंदिर के बच्चों ने वृक्षों को रक्षासूत्र बाँधकर उसके संरक्षण, संवर्धन का संकल्प लिया। इस मौके पर स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से लोगों के बीच प्रकृति एवं पर्यावरण को लेकर और अधिक जागरूकता बढ़ती है तथा उन्होंने पार्क को हरा-भरा रखने तथा उसके साज -सज्जा के परिषद के हर प्रयास में को हर मुमकिन सहयोग का वादा किया। वहीं परिषद के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह एवं संरक्षक अवधेश सिंह ने कहा कि परिषद राष्ट्र, समाज ,संस्कृति एवं प्रकृति की रक्षा के लिए सतत् अग्रणी भूमिका में रहती है। आज का कार्यक्रम उपरोक्त कथन की एक कड़ी है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि आने वाले एक हफ्ते के भीतर स्टेशन रोड में सामान्य पौधों के अलावे औषधीय पौधे भी जाली सहित लगाये जायेंगे। ऐसे औषधीय पौधों की वर्तमान में बहुत अधिक आवश्यकता है। वहीं परिषद के सेवा संयोजक योगेंद्र प्रसाद ने आम लोगों से रक्षा बंधन के अवसर पर पौधों एवं जलाशयों की रक्षा का संकल्प लेने की अपील की । वहीं परिषद के सचिव उमेश सिकारिया ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा जीवन की रक्षा है। अगर जीवन को बचाना है तो जलाशय एवं वृक्षों की रक्षा करना परम आवश्यक है ताकि हमें स्वच्छ वायु मिल सके और हम जीवित रह सके । वहीं समाजसेविका पूर्णिमा भारती ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर चलने की प्रेरणा देती है और मानव जीवन को प्रकृति के साथ अपने संबंध बनाकर एक दूसरे के परस्पर सहयोग से आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। सचिव उमेश सिकारिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इसकी जानकारी परिषद के मीडिया प्रभारी रजनीश प्रियदर्शी ने दी है ।

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